रांची(ईएमएस)रामगढ़ सिविल कोर्ट में दो आपराधिक गिरोहों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पूरे राज्य में न्यायालय परिसरों की सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है।डीजीपी तदाशा मिश्रा के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है, जिसमें राज्य के सभी जिलों में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा और विस्तृत ऑडिट के आदेश दिए गए हैं।सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को भेजा गया पत्र एडीजी (अभियान एवं कानून व्यवस्था) टी. कंदसामी ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद सहित सभी 24 जिलों के एसएसपी/एसपी को पत्र भेजा है।पत्र में कहा गया है कि हाल ही में कोर्ट परिसर में हुई घटना सुरक्षा प्रणाली की गंभीर चूक को दर्शाती है, इसलिए अब हर न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक मूल्यांकन (ऑडिट) जरूरी है।ऑडिट में शामिल बिंदु में प्रवेश और निकास द्वारों पर तैनात बल की संख्या और सतर्कता,सीसीटीवी कैमरों की स्थिति और कवरेज,मेटल डिटेक्टर, डीएफएमडी और हैंड-हेल्ड डिटेक्टर की कार्यक्षमता,कोर्ट परिसर में गश्त व्यवस्था,आपराधिक प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों की पहचान और निगरानी प्रणाली शामिल है।सभी जिलों को तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने का निर्देश दिया गया है।इसके बाद पुलिस मुख्यालय रिपोर्ट की समीक्षा कर कमियों को तुरंत दूर करने और सुरक्षा मानकों को सख्त करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।डीजीपी तदाशा मिश्रा ने कहा है कि न्यायालय परिसर न्याय की मर्यादा और आमजन के विश्वास का प्रतीक हैं।ऐसे स्थानों पर किसी भी प्रकार की हिंसा या अपराध अस्वीकार्य है। अब से पुलिस की नीति होगी “जीरो टॉलरेंस ऑन सिक्योरिटी ब्रिच”।उन्होंने चेतावनी दी कि सुरक्षा में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अदालतों में इस तरह की घटनाएँ न्यायिक प्रक्रिया और जनता के विश्वास दोनों को प्रभावित करती हैं।इसलिए राज्यभर के सभी कोर्ट परिसरों में सुरक्षा उपकरणों का आधुनिकीकरण और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती जल्द की जाएगी।सूत्रों के मुताबिक, झारखंड पुलिस मुख्यालय अब सभी न्यायालय परिसरों में एआई आधारित कैमरा निगरानी, फेस रिकग्निशन सिस्टम और डिजिटल पास सिस्टम लागू करने की योजना बना रहा है,ताकि अपराधी तत्वों की पहचान रियल टाइम में की जा सके। कर्मवीर सिंह/01दिसंबर/25