पूरी रात चला रेस्क्यू सुबह 8 बजे टीम ने कुंए से निकाला का शव छिंदवाड़ा (ईएमएस)। देहात थाना के बजरंग नगर गुरैया स्थित बजरंग नगर में रहने वाले १४ वर्षीय सार्थक को कुंए से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम के साथ मिलकर रविवार पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। लेकिन सार्थक को सुरक्षित नहीं निकल सका। सोमवार सुबह करीब ८ बजे एसडीआरएफ की टीम ने कुंए का पानी खाली होने के बाद सार्थक का शव बाहर निकाला। इधर सार्थक के शव को देखकर परिजनों की चीख निकल गई। वहीं उनसे जुड़े लोगों की आंखे भी नम हो गई। इस हृदय विदारक घटना ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। गौरतलब है कि बजरंग नगर गुरैया निवासी १४ वर्षीय सार्थक वानखेड़े पिता स्व. श्रीकांत वानखेड़े रविवार सुबह करीब १० बजे अपने घर की छत पर खेल रहा था। काफी देर तक वह छत से नहीं उतरा तो उसकी मां पूनम वानखेड़े ने बेटे सार्थक को छत से नीचे उतरने के लिए आवाज लगाई लेकिन बेटा छत से नीचे नहीं उतरा तब मां ने उसे डांट लगाई इस बात पर वह भावावेश में आ गया और घर से लगे हुए कुंए में छत से ही छलांग लगा दी थी। बेटे को कुंए में कूदा देख मां ने मामले की सूचना पुलिस और परिजनों को दी थी। सूचना पाकर पुलिस एनडीआरएफ की टीम के साथ मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू का काम शुरू कराया लेकिन कुंए में पानी अधिक होने से रेस्क्यू पूरी रात चलता रहा २४ घंटे की मश्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम को सोमवार सुबह ८ बजे सफलता मिली। मां का इकलौता सहारा था सार्थक बताया जा रहा है कि कुंए में कूद कर जान देने वाला सार्थक पिता की मौत के बाद े मां का अकेला सहारा था। उसकी मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार सुबह जैसे ही एसडीआरएफ की टीम ने उसके शव को बाहर निकाला मां की चीख निकल गई। घटना के बाद से ही मां पूनम वानखेड़े का रो-रो कर बुरा हाल है। चुनौतियों के बीच ऐसे चलता रहा रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार देर रात भर लाइट जलाकर एसडीआरएफ का रेस्क्यू जारी रहा, लेकिन खतरों के बीच टीम आगे नहीं बढ़ पाई। सोमवार सुबह 8 बजे, जब कुएं में केवल 5 फीट पानी बचा, तो भूस्खलन के खतरे को टालने के लिए एहतियातन एक हाइड्रा मशीन बुलाई गई। मशीन की मदद से एक प्लेटफॉर्म तैयार किया गया, जिसके सहारे एसडीआरफ के दो जांबाज़ जवानों को कुएं के अंदर उतारा गया। कड़ी मशक्कत के बाद, उन्होंने पेट के बल पड़े सार्थक के शव को सुरक्षित बाहर निकाला। टीआई जीएस राजपूत ने बताया कि पंचनामा और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौप कर मामले की जांच शुरू कर दी है। एसडीआरएफ टीम के मुखिया गणेश धुर्वे ने बताया कि कुंए का पानी बहुत ठंडा होने के कारण सार्थक का शव 24 घंटे बाद भी ऊपर नहीं उतराया था, जिससे टीम को नीचे जाकर ही शव को निकालने की रणनीति बनानी पड़ी। ईएमएस/मोहने/ 01 दिसंबर 2025