भाजपा कल्पनाओं में बबूल के पेड़ पर आम उगा रही है भोपाल (ईएमएस)। हाल में दिए गए इस बयान कि “जवाहरलाल नेहरू सरकारी धन से बाबरी मस्जिद बनवाना चाहते थे”— का स्पष्ट रूप से खंडन करते हुए कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि रक्षामंत्री राजनाथ सिःह का यह दावा ऐतिहासिक, अभिलेखों और दस्तावेज़ी प्रमाणों पर आधारित नहीं है तथा अब तक किसी भी सरकारी रिकॉर्ड, आधिकारिक पत्राचार, कैबिनेट नोट, न्यायालयीय दस्तावेज़ या स्वतंत्र इतिहास-शोध में इसकी पुष्टि नहीं होती है। कपोल कल्पनाओं वे बबूल के पेड़ पर आम उगा रहे हैं। नेहरू का सार्वजनिक जीवन, उनकी कार्यशैली और उनकी घोषित विचारधारा यह बताती है कि वे धार्मिक स्थलों के निर्माण या पुनर्निर्माण में सरकारी धन के उपयोग के पक्षधर नहीं थे। उन्होंने हमेशा भारतीय राज्य की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को सर्वोपरि रखा। आज तक उपलब्ध अभिलेखों में ऐसा कोई संकेत भी नहीं मिलता कि उन्होंने बाबरी मस्जिद को सरकारी धन से बनवाने अथवा बनवाने का सुझाव देने जैसा कोई कदम उठाया हो। नेहरू के व्यक्तित्व के सम्मुख बौनापन और अहसासे कमतरी से उपजे यह बयान भाजपा के डर और असफलता के प्रतीक हैं।यह सरकार 11साल के शासन के बावजूद जनता के दिल में जगह बनाने में असफल रही है। इतिहास अत्यंत गंभीर विषय है। इसे राजनीतिक बयानबाज़ी या कल्पनाओं के आधार पर नहीं, बल्कि दस्तावेज़ों, तथ्यों और प्रमाणों के सहारे ही समझा जाना चाहिए। इस प्रकार के असत्यापित दावे न केवल हमारी ऐतिहासिक समझ को भ्रमित करते हैं, बल्कि समाज में अनावश्यक विभाजन भी उत्पन्न करते हैं। सभी राजनीतिक दलों और जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा है कि वे ऐतिहासिक विषयों पर बयान देते समय तथ्यों का सम्मान करें और सार्वजनिक जीवन की गरिमा बनाये रखें। देश की जनता सत्य की हक़दार है, न कि मिथ्या आरोपों की। भारत की लोकतांत्रिक परंपरा और उसकी विविधता तभी मजबूत रह सकती है, जब हम इतिहास को ईमानदारी से देखें और प्रमाणों को सर्वोच्च स्थान दें। ईएमएस/03/12/2025