राज्य
03-Dec-2025
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सेंट्रल लाइब्रेरी सभागार में प्रार्थना सभा का आयोजन भोपाल (ईएमएस) । भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी पर बुधवार को सेंट्रल लाइब्रेरी सभागार में सामूहिक प्रार्थना सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम में 2-3 दिसंबर 1984 की भयावह रात में जान गंवाने वाले हजारों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर मंत्रीगण कुंवर विजय शाह, कृष्णा गौर, विधायक भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय, कलेक्टर विक्रम कौशलेंद्र सहित विभिन्न समाजों के धर्मगुरु और शहर के प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। जानकारी के लिए बतादें कि भोपाल गैस त्रासदी सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि मानव इतिहास की सबसे भीषण औद्योगिक आपदाओं में से एक है, जिसके घाव आज भी समाज, पर्यावरण और आने वाली पीढिय़ों को प्रभावित कर रहे हैं। चार दशक बाद भी भोपाल त्रासदी के जख्म पूरी तरह नहीं भर सके हैं। उस रात की चीख-पुकार, सडक़ों पर बिछीं लाशों और टूटते परिवारों की याद आज भी लोगों को भीतर तक झकझोर देती है। गैस से प्रभावित हजारों लोग अब भी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, जबकि तीसरी और चौथी पीढ़ी तक जन्मजात विकृतियों का असर देखा जा रहा है। नई पीढ़ी में भी असर बरकरार शहर की 42 बस्तियों में भूमिगत जल ऐसे रसायनों से दूषित पाया गया है, जो कैंसर, किडनी, मस्तिष्क संबंधी रोगों और जन्मजात विकृतियों को जन्म देते हैं। प्रभावित परिवारों का कहना है कि उनके बच्चे मानसिक रूप से कमजोर पैदा हो रहे हैं, कई में बोलने-देखने जैसी क्षमताओं में जन्म से ही कमी है। ऐसे बच्चों का उपचार चिंगारी ट्रस्ट में किया जाता है, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में पीडि़त सहायता के लिए पहुंचते हैं। 41 साल बाद भी अदालतों में लंबित हैं मामले गैस पीडि़त संगठनों का कहना है कि हादसे को 41 साल बीत गए, लेकिन न्याय की प्रक्रिया अब भी पूरी नहीं हुई है। कई आरोपी अब जीवित नहीं रहे, जबकि प्रमुख आरोपी वारेन एंडरसन की 1984 में गिरफ्तारी के बाद रिहाई और देश छोडक़र जाने का मामला आज भी पीडि़तों की पीड़ा को बढ़ाता है। एंडरसन को फरार घोषित किया गया था और 2014 में अमेरिका में उसकी मृत्यु हुई।