क्षेत्रीय
03-Dec-2025


० सांसद बृजमोहन ने लोकसभा में उठाया चूना पत्थर पुनर्वर्गीकरण का महत्वपूर्ण मुद्दा ० आईबीएम को विवरणी दाखिल करने में देरी पर 30 जून 2026 तक जुर्माने से राहत रायपुर (ईएमएस)। छत्तीसगढ़ और देश के खनन क्षेत्र से जुड़े लाखों हितधारकों की समस्याओं को आवाज देने की अपनी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में चूना पत्थर के पुनर्वर्गीकरण, पंजीकरण, खनन योजनाओं की वैधता, जुर्मानों में राहत और लंबित रियायत आवेदनों के समाधान से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए। सांसद बृजमोहन ने छत्तीसगढ़ समेत देशभर में खनन क्षेत्र को होने वाली संभावित परेशानियों को बेहद सार्थक तरीके से सामने रखा जिससे छोटे पट्टाधारकों को अनावश्यक दंड से बचाया जाए। राज्य में खनिज आधारित उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े और लंबित रियायतें समयबद्ध तरीके से मंजूर हों। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने व्यापक आश्वासन दिया और एक ऐसी संक्रमणकालीन योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की, जो छोटे पट्टाधारकों को तत्काल दंड और प्रशासनिक बाधाओं से बचाती है। सांसद बृजमोहन के प्रश्नों के जवाब में कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि, चूना पत्थर को प्रमुख खनिज घोषित करने के बाद भी, लघु खनिज के रूप में पूर्व से कार्यरत पट्टाधारकों को 31 मार्च 2026 तक ऑनलाइन पंजीकरण की राहत दी गई। संक्रमण काल में भारतीय खान ब्यूरो में विवरण प्रस्तुत करने में आई व्यावहारिक चुनौतियों को देखते हुए जुर्माना न लगाने का बड़ा निर्णय लिया गया है जो सांसद बृजमोहन की सतत पैरवी का प्रतिफल है। 31 मार्च 2027 तक खान योजनाओं की वैधता पर स्पष्ट मार्गदर्शन जारी हुआ, जिससे देशभर के पट्टाधारकों को स्थिरता और सुरक्षा मिली। जहाँ-जहाँ राज्यों ने 10 अक्टूबर 2025 से पहले रियायत देने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी, वहां उनके अधिकारों को संरक्षित रखते हुए दो वर्ष की अतिरिक्त अवधि प्रदान की गई, ये राहत छोटे उद्यमों के लिए जीवनरेखा साबित होगी। देश के प्रमुख चूना पत्थर उत्पादक राज्यों की सूची जारी करते हुए, राज्यवार सक्रिय खदानों का विवरण सार्वजनिक हुआ यह एक पारदर्शी शासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम। जनता की आवाज को राष्ट्रीय मंच पर मजबूती से उठाने वाले नेता छत्तीसगढ़ सहित देश भर के खनन पट्टाधारकों, ट्रांसपोर्टरों, छोटे उद्योगों और स्थानीय रोजगार से जुड़े लाखों लोगों के हितों को संरक्षित करने में सांसद बृजमोहन की भूमिका अत्यंत निर्णायक रही है। उनकी गंभीर तैयारी, विषय पर गहरी पकड़ और निरंतर पैरवी ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे केवल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि हितों की रक्षा करने वाले सच्चे जननायक हैं। सांसद बृजमोहन ने कहा है कि “नीतियां तभी प्रभावी होती हैं जब वे जमीनी वास्तविकताओं से जुड़ी हों।” उनकी इसी सोच के कारण छत्तीसगढ़ जैसे खनन-समृद्ध राज्य को इस निर्णय से व्यापक लाभ मिलने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और जनसेवक के रूप में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि सक्रियता, संवेदनशीलता और सार्थक पहल ही सार्थक जनसेवा की पहचान है। सत्यप्रकाश/चंद्राकर/03 दिसंबर 2025