राष्ट्रीय
04-Dec-2025
...


-मानसिक तनाव और एल्कोहल के बढ़ते सेवन से स्थिति हो रही गंभीर प्रयागराज,(ईएमएस)। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के हृदय रोग विभाग में युवक की छाती में तेज दर्द हो रहा था। पहले तो ईसीजी करके रिपोर्ट देखी गई, उसके बाद एंजियोग्राफी हुई तो दिल की तीनों नसों में ब्लॉकेज था। ऐसा ही हाल 39 साल एक अन्य युवक में मिला। दूसरे युवक की दो नसों में ब्लॉकेज मिला। पिछले 10 दिनों में आए इन दोनों मामलों ने हृदयाघात के बड़े दुष्प्रभावों की ओर संकेत किया है। बेतहाशा मानसिक तनाव और एल्कोहल के बढ़ते सेवन से स्थिति साल दर साल गंभीर हो रही है। हृदयाघात पहले तो 50 साल की अवस्था के बाद होने की आशंका रहती थी। अब 30-32, 40 साल के लोग इस बीमारी की जद में आ रहे हैं। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में इस तरह के मामले महीने में औसत चार, टीबी सप्रू चिकित्सालय बेली अस्पताल में औसत दो और मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय काल्विन में हर महीने एक या दो युवक हृदयाघात से पीड़ित लाए जा रहे हैं। काल्विन अस्पताल के आकस्मिक कक्ष में छाती में दर्द से कराहते हुए 38 साल के मरीज को पिछले सप्ताह परिवार के लोग एंबुलेंस से लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उसकी हालत देखते ही स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया है। मधुमेह अब बच्चों और युवाओं में भी दिखने लगा है। हृदयाघात और इसमें दो या तीनों ही नसों में ब्लॉकेज का खतरा ऐसे ही लोगों में ज्यादा रहता है। अस्पतालों में लाए जा रहे ज्यादातर मरीजों में पहले से मधुमेह होने की जानकारी मिल रही है। नियमित दवा का सेवन न होने और समय पर जांच न कराने का दंश भुगतना पड़ रहा है। धूमपान, एल्कोहल का जरूरत से अधिक सेवन, आरामदायक दैनिक जीवन, घर के बने खाने की बजाए फास्ट फूड, अत्यधिक मानसिक तनाव, परिवार के बीच संवादहीनता, कामकाज या आर्थिक परेशानी का मानसिक तनाव इसकी वजह है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने कहा कि गंभीर बात है कि युवाओं में हृदयाघात के मामले पहले की अपेक्षा चार गुना बढ़ गए हैं। कोविड-19 के बाद तो इसका ग्राफ तेजी से बढ़ा है। महीने में तीन या चार युवक ऐसे आ रहे हैं जिनकी तीनों नसों में ब्लॉकेज मिल रहे हैं। यही अपने आप में बड़ी बात है। युवाओं को संयमित और तनाव से रहित होना चाहिए। सिराज/ईएमएस 04 दिसंबर 2025