नई दिल्ली (ईएमएस)। आमतौर पर बाजारों में मिलने वाले पीले भूने चने में मिलावटखोर इंडस्ट्रियल केमिकल ‘औरामाइन’ मिला रहे हैं। यह खतरनाक केमिकल सामान्यतः कपड़ा, चमड़ा और कागज उद्योग में रंग देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके बावजूद खुले बाजारों, हाट-बाजारों और सड़कों पर बिकने वाले पीले-भुने चनों में इसकी मिलावट का मामला सामने आ रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित है। यह केमिकल इंसानों के लिए अत्यंत खतरनाक है और खाद्य सामग्री में इसके उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध है। विशेषज्ञों के अनुसार, औरामाइन एक कार्सिनोजेनिक केमिकल है, यानी लंबे समय तक इसके सेवन से कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा यह लिवर, किडनी और इम्यून सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। शरीर में यह विषैले तत्वों का जमाव करता है, जिससे एनिमिया, त्वचा संबंधी रोग, सांस की समस्याएं और गैस्ट्रिक परेशानी हो सकती है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि लगातार सेवन से बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों ने कई राज्यों में जांच के दौरान पाया कि सस्ते पैकेजिंग में बिकने वाले चमकदार पीले चनों में यह जहरीला केमिकल रंग के रूप में मिलाया गया था। मिलावटखोर इसे पाउडर या तरल रूप में मिलाकर चनों को कृत्रिम रूप से ज्यादा कुरकुरे और चमकीले पीले रंग का बनाते हैं ताकि ग्राहक आकर्षित हों और बिक्री बढ़े। आमतौर पर ऐसे उत्पाद बेहद कम कीमत पर बेचे जाते हैं, जिससे कई लोग बिना सोचे-समझे खरीद लेते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शुद्ध भुना चना हल्के भूरे पीले रंग का होता है और उसकी चमक हल्की व प्राकृतिक होती है, जबकि औरामाइन मिले चने तेज पीले, चिकने और असामान्य रूप से चमकदार दिखाई देते हैं। उन्हें हाथ पर रगड़ने पर हल्का रंग उतरने की संभावना भी रहती है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और सलाह दी है कि भरोसेमंद ब्रांड, अधिकृत दुकानों या सरकारी प्रमाणित पैकिंग वाले उत्पाद ही खरीदें। इसके साथ ही संदिग्ध रंग या गंध वाले चने बिल्कुल न खरीदें और स्ट्रीट वेंडर से मिलने वाले अत्यधिक सस्ते पदार्थों से परहेज करें। सुदामा/ईएमएस 04 दिसंबर 2025