::रेप मामले में फरार आरोपी के बेटे की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हुई सुनवाई:: इन्दौर (ईएमएस) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस बीके द्विवेदी की युगलपीठ ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते इन्दौर पुलिस को लताड़ लगाते हुए कहा कि - हथकड़ी तो लगाई थी, बेड़ियां भी पहना देते, इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को मामले में जिम्मेदार टीआई और पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने और आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश देते इसकी रिपोर्ट दो हफ्ते में न्यायालय में पेश करने को कहा है। मामला एक नाबालिग से रेप के फरार आरोपी के बेटे का है जिसे इन्दौर चंदननगर थाना पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए थाने में करीब 30 घंटे पूछताछ के लिए बैठाया था। जिसके चलते यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी। जिस पर युगलपीठ ने सुनवाई की। बता दें कि इंदौर के रियल एस्टेट कारोबारी संजय दुबे उम्र बासठ वर्ष पर एक नाबालिग लड़की ने शारीरिक शोषण और गर्भवती करने के आरोप लगाए थे। चंदन नगर थाना पुलिस ने मामले में संजय दुबे के खिलाफ 12 नवंबर को पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की थी परन्तु वह फरार हो गया। पुलिस संजय का पता नहीं लगा सकी जिसके बाद पुलिस ने परिवार पर दबाव बनाने के लिए संजय के इंजीनियर बेटे राजा उम्र बत्तीस साल को 26 नवंबर को हिरासत में ले लिया था और हिरासत में लेते वक्त पुलिसकर्मियों ने खुद को क्राइम ब्रांच का बताया। पुलिस ने राजा को हथकड़ी लगाई और करीब 30 घंटे तक थाने में बिठाए रखा। राजा के साले आकाश तिवारी ने एडवोकेट नीरज सोनी के माध्यम से राजा के मामले में 28 नवंबर को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई। इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर को भी लिखित शिकायत कर पूरे मामले से अवगत कराया गया। एडवोकेट नीरज सोनी ने याचिका सुनवाई करते कोर्ट को बताया था कि पुलिस ने राजा को करीब 30 घंटे तक थाने में अवैधानिक रूप से बैठाए रखा। उसे हथकड़ी भी लगाई गई, जो कानूनन तब तक संभव नहीं जब तक व्यक्ति गंभीर आरोपी न हो या फरार होने की आशंका न हो। कानूनी प्रावधानों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को सिर्फ पूछताछ के लिए लंबी अवधि तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता। अगर वह आरोपी है तो उसे 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करना अनिवार्य है, लेकिन चंदन नगर थाना पुलिस ने इन नियमों का उल्लंघन किया। एडवोकेट नीरज सोनी के अनुसार पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने चंदन नगर थाना टीआई इंद्रमणि पटेल से 30 घंटे के सीसीटीवी फुटेज पेश करने को कहा था। पहले तो टीआई ने फुटेज निकालने में दिक्कत बताई। फिर बाद में पेन ड्राइव उपलब्ध करा दी। टीआई ने कोर्ट को बताया कि थाना खुला था। राजा भाग न जाए। इसलिए हथकड़ी लगाई थी। इसके सीसीटीवी फुटेज कोर्ट ने मांगे थे जब टीआई ने सीसीटीवी कैमरे से फुटेज लेने में तकलीफ बताई तो कोर्ट ने कहा- हमारे पास आपके विरुद्ध पर्याप्त सबूत हैं। आप ये बताइए, आपने उस लड़के को होल्ड किया या नहीं। इसमें टीआई मना नहीं कर पाए। हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा, आपके द्वारा इस लड़के को थाने में 30 घंटे (26-27 नवंबर) बिठाकर उसके मूलभूत अधिकारों का बड़ा उल्लंघन किया है। आनन्द पुरोहित/ 04 दिसंबर 2025