राज्य
04-Dec-2025
...


:: सनातन धर्म की मजबूती के लिए दिलाई गई शपथ; दो-दो गीता भवन होने से भ्रम की स्थिति, मुख्यमंत्री से नाम बदलने का आग्रह :: इंदौर (ईएमएस)। गीता भवन में गत 28 नवंबर से चल रहे 68वें अखिल भारतीय गीता जयंती महोत्सव का गुरुवार को भव्यता के साथ विश्राम हुआ। अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज ने समापन समारोह में आशीर्वचन देते हुए कहा कि गीता मनुष्य को अपने कर्मों को सदकर्मों में बदलने के लिए प्रेरणा और ऊर्जा प्रदान करती है। जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि आज सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्होंने गीता के संदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञान, कर्म और भक्ति का जो अदभुत समन्वय भगवान की अमृतवाणी से प्रकट हुआ है, वह हम सबके लिए कल्याणकारी है। उन्होंने 2 हज़ार से अधिक श्रद्धालुओं को सनातन धर्म के प्रति अटूट निष्ठा रखने और विधर्मियों के मंसूबों से सजग रहने की शपथ दिलाई। :: विष्णु महायज्ञ की पूर्णाहुति :: विश्राम समारोह से पूर्व, जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज के सानिध्य में आचार्य पंडित कल्याण दत्त शास्त्री के निर्देशन में चल रहे 7 दिवसीय विष्णु महायज्ञ की पूर्णाहुति भी यज्ञनारायण के जयघोष के बीच संपन्न हुई। संतों ने बताया गीता का महत्व: धर्मसभा में भदौही से आए पं. पीयूष महाराज, हरिद्वार से आए स्वामी सर्वेश चेतन्य, नैमिषारन्य से आए स्वामी पुरुषोत्तमानंद सरस्वती सहित अन्य विद्वानों ने अपने प्रवचनों में गीता एवं अन्य धर्मग्रंथों की महत्ता और वर्तमान प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। :: दो-दो गीता भवन होने से भ्रम की स्थिति :: गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन ने राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा सभी जिलों में गीता भवन बनाने के प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि 70 वर्षों से मनोरमागंज में स्थापित गीता भवन और अब सरकारी गीता भवन के नाम में समानता होने से भ्रम की स्थिति बन गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सरकारी गीता भवन के नाम के साथ राजकीय गीता भवन अथवा गीता ज्ञान भवन जैसे कोई अन्य नामकरण करें, ताकि पुराने गीता भवन की पहचान बनी रहे और भ्रम की स्थिति समाप्त हो। उपस्थित संतों ने भी इस मांग का समर्थन किया। संतों का सम्मान और आभार: समापन पर महोत्सव में आए सभी संतों का सम्मान कर उन्हें बिदाई भी दी गई। ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन एवं मंत्री रामविलास राठी ने सभी संतों, विद्वानों, दानदाताओं और पुलिस प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया और अगले वर्ष 69वें महोत्सव में पधारने का न्यौता भी दिया। ट्रस्ट मंडल की ओर से मनोहर बाहेती, प्रेमचंद गोयल, महेशचंद्र शास्त्री सहित अनेक पदाधिकारियों ने संतों का स्वागत किया। मंच का संचालन स्वामी देवकीनंदन दास एवं पं. प्रह्लाद मिश्र रामायणी ने किया। प्रकाश/04 दिसम्बर 2025 संलग्न चित्र : गीता भवन में चल रहे अ.भा. गीता जयंती महोत्सव के समापन पर विष्णु महायज्ञ की पूर्णाहुति करते जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज। दूसरे चित्र में जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज का सम्मान करते गीता भवन ट्रस्ट के पदाधिकारी। अंतिम चित्र में जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज सभी भक्तों को शपथ दिलवाते हुए।