देवरी/सागर जबलपुर (ईएमएस)। विकासखंड के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र ग्राम चिरचिटा सुखजू में शासकीय हाई स्कूल भवन का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग (आरईएस) क्रमांक-2 के ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है। लगभग 1 करोड़ 15 लाख रुपए की लागत से बन रहे इस भवन में शुरुआत से ही घटिया निर्माण कार्य की शिकायतें सामने आती रही हैं।निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद शिकायतों पर सहायक यंत्री गुरुकुल प्रभाकर ने कुछ संरचनाओं को हटाकर पुन: निर्माण के निर्देश भी दिए थे, लेकिन इसके बावजूद गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग नहीं थम रहा है।स्थानीय लोगों के अनुसार निर्माण स्थल पर अब भी मिट्टी युक्त डस्ट, कमजोर गुणवत्ता की सामग्री, जंग लगे सरिये और निर्धारित मापदंडों से विपरीत सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। भवन के कई हिस्सों में दरारें भी दिखाई दे रही हैं, जिससे निर्माण की मजबूती पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों में बढ़ रहा आक्रोश-ग्राम चिरचिटा सुखजू के ग्रामीण निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर बेहद नाराज हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जब शासन ने 1 करोड़ 15 लाख रुपए की राशि से स्कूल भवन निर्माण स्वीकृत किया है, तो उच्च गुणवत्ता और मानकों के अनुरूप कार्य होना चाहिए।ग्रामीणों का आरोप है कि संबंधित विभाग के अधिकारी नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते ठेकेदार मनमाने तरीके से घटिया सामग्री का उपयोग कर रहा है। पूर्व में शाला प्राचार्य पी.के. जैन ने भी विधायक और सहायक यंत्री को लिखित शिकायत कर निर्माण कार्य में हो रही अनियमितताओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था।प्राचार्य ने कहा कि यदि भविष्य में भवन की गुणवत्ता खराब होने से कोई दुर्घटना घटित होती है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? ग्रामीणों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। इनका कहना मामले की जांच की जाएगी। यदि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री पाए जाने की पुष्टि होती है तो सुधार कराया जाएगा। गुरुकुल प्रभाकर, सहायक यंत्री, आरईएस देवरी ईएमएस / 05/12/2025