गोटेगांव जबलपुर (ईएमएस)। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा झुग्गी-झोपड़ी और कच्चे मकानों में रहने वाले गरीब मजदूरों को पट्टा उपलब्ध कराने के लिए जारी आदेशों के बावजूद ज़मीन पर अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं दिख रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार वर्ष 2020 तक सरकारी जमीन पर निवास कर रहे पात्र हितग्राहियों को पट्टा दिया जाना है, लेकिन न तो सर्वे प्रारंभ हुआ है और न ही फील्ड कार्य की शुरुआत हो पाई है। स्थिति यह है कि पट्टा सूची तैयार करने की अंतिम तिथि 13 दिसंबर 2025 निर्धारित है, लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र में सर्वे का कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया है। प्रशासनिक सुस्ती से कारण गरीब हितग्राहियों में निराशा बढ़ती जा रही है। इसी उपेक्षा के विरोध में सिलावट समाज संघ, मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों ने मंगलवार को अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। संगठन ने कहा कि वास्तविक गरीब, भूमिहीन और झुग्गियों में वर्षों से रह रहे परिवार आज भी सरकारी योजनाओं से वंचित हैं, जबकि शासन की नीति स्पष्ट रूप से कहती है कि हर पात्र व्यक्ति को आवास और उसका वैधानिक अधिकार मिलना चाहिए। उल्लिखित ज्ञापन में संघ ने शासन से की मांगतत्काल प्रभाव से शुरू किया जाए सर्वे कार्य2020 तक के सभी पात्र परिवारों की सूची समयसीमा में तैयार की जाए,पट्टा वितरण प्रक्रिया को तेज कर हितग्राहियों को राहत दी जाए।संगठन ने चेतावनी दी कि यदि तय तिथि से पहले सर्वे पूरा नहीं हुआ तो कई पात्र गरीब परिवार फिर एक बार पट्टा से वंचित रह जाएंगे। ईएमएस / 05/12/2025