- तत्काल एफआईआर दर्ज करने और क्लिनिक सील करने की मांग -एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री समेत स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों से वीआईटी पर तत्काल कार्यवाही की मांग की -बिना रजिस्ट्रेशन के क्लिनिक संचालित करना गैर-कानूनी , तत्काल वीआईटी प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज हो - रवि परमार -अवैध क्लिनिक के अनाधिकृत स्वास्थ्यकर्मी की लापरवाही से 35 छात्र छात्राएं गंभीर बिमारी का शिकार हुई जिसमें से एक छात्रा की दुखद मृत्यु हो गई भोपाल (ईएमएस) । भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने वीआईटी विश्वविद्यालय के परिसर में बिना किसी वैध अनुमति के संचालित किए जा रहे क्लिनिक को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है और इसे छात्रों व स्टाफ की सुरक्षा से सीधा खिलवाड़ बताया है। इस संबंध में एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने मुख्यमंत्री , उपमुख्यमंत्री , मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को शिकायत कर तत्काल एफआईआर दर्ज करने, क्लिनिक को सील करने और जिम्मेदारों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। रवि परमार ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग , मध्यप्रदेश शासन के अवर सचिव श्री वीरन सिंह भलावी के पत्र क्रमांक 1138/180/CC/2025/38, दिनांक 01.12.2025 में यह स्पष्ट स्वीकार किया गया है कि—वीआईटी विश्वविद्यालय ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO), सीहोर से कोई अनुमति नहीं ली गई साथ ही Pollution Control Board से भी कोई अनापत्ति प्रमाणपत्र या लाइसेंस प्राप्त नहीं किया गया यह जानकारी स्वयं शासन के दस्तावेज़ में दर्ज है जिससे साबित होता है कि विश्वविद्यालय परिसर के भीतर संचालित क्लिनिक पूरी तरह ग़ैरक़ानूनी है। रवि परमार ने कहा कि वीआईटी विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा कैंपस के अंदर संचालित किए जा रहे अवैध क्लिनिक में तैनात अनाधिकृत और अप्रमाणित स्वास्थ्यकर्मी की गंभीर लापरवाही के कारण लगभग 35 छात्र–छात्राएं गंभीर बीमारी का शिकार हो गए। बिना वैध अनुमति, बिना योग्य चिकित्सकीय स्टाफ और बिना मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल के चलाए जा रहे इस क्लिनिक में गलत उपचार तथा असुरक्षित चिकित्सा पद्धतियों के चलते छात्रों की हालत लगातार बिगड़ती रही। स्थिति इतनी भयावह हो गई कि इलाज में देरी और गलत दवाइयों के कारण एक छात्र की दर्दनाक मृत्यु हो गई। यह घटना विश्वविद्यालय कुप्रबंधन एवं लापरवाही को उजागर करती है । एनएसयूआई ने उठाए गंभीर सवाल — छात्रों की जान खतरे में जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि बिना अनुमति संचालित क्लिनिक छात्रों एवं स्टाफ की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। अवैध क्लिनिक के संचालन से निम्न जोखिम बढ़ जाते हैं:- 1. असुरक्षित और अनस्टरलाइज़्ड उपकरणों से उपचार, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा। 2. अनधिकृत स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा उपचार, जो स्वास्थ्य अधिनियम का उल्लंघन है। 3. अवैध दवाइयों और गलत इलाज की संभावना। 4. बायोमेडिकल और मेडिकल वेस्ट का अवैध निस्तारण, जिससे पर्यावरण प्रदूषण का खतरा। अक्षय तोमर ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहा है और नियमों को ताक पर रखकर अनुचित लाभ लेने की कोशिश कर रहा है। एनएसयूआई ने शासन और प्रशासन से निम्न कार्रवाई तत्काल करने की मांग की है: 1. बिना अनुमति क्लिनिक चलाने पर एफआईआर दर्ज कर जिम्मेदार अधिकारियों पर अपराध दर्ज किया जाए। 2. छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्लिनिक को तुरंत सील किया जाए। 3. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश और निगरानी व्यवस्था स्थापित की जाए। अक्षय तोमर ने स्पष्ट कहा है कि यदि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई नहीं करता है, तो एनएसयूआई व्यापक आंदोलन और चरणबद्ध विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगी। छात्रों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। जुनेद/08 दिसंबर2025