राज्य
10-Dec-2025
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:: इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को दिलाई गई 18 पौधे रोपने और देखभाल करने की शपथ; अंधाधुंध दोहन पर जताई चिंता :: इंदौर (ईएमएस)। प्रयागराज से पधारे मानस मर्मज्ञ आचार्य शांतनु महाराज ने उज्जैन रोड स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि प्रकृति भी परमात्मा का ही अंश है और हमें प्रकृति से केवल लेना नहीं, बल्कि उसे देना भी सीखना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रकृति का संतुलन इसलिए बिगड़ रहा है, क्योंकि हम हवा, पानी, पेड़-पौधे और मिट्टी का अंधाधुंध दोहन करते जा रहे हैं, जिसके लिए आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी। आचार्य शांतनु महाराज ने छात्रों को संबोधित करते हुए एक गंभीर तथ्य सामने रखा। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में लगभग 8 से 10 क्विंटल लकड़ी का प्रयोग करता है, जिसमें से 4 क्विंटल लकड़ी अंतिम संस्कार के समय काम आती है। यदि इसी तरह लकड़ी का प्रयोग होता रहा तो पौधों का बचना संभव नहीं होगा। :: 18 पौधे रोपने और जल संरक्षण की शपथ :: कॉलेज प्रबंधन के आग्रह पर छात्रों से मुलाकात के बाद आचार्यश्री ने उन्हें एक महत्वपूर्ण शपथ दिलाई। छात्रों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवनकाल में कम से कम 18 पौधे रोपेंगे और हर वर्षाकाल के दौरान अधिक से अधिक पेड़ लगाकर प्रकृति की सेवा करेंगे। साथ ही, जल का दुरुपयोग नहीं करने और प्रकृति के संरक्षण की दिशा में हरसंभव प्रयास करने की शपथ ली गई। इस अवसर पर आचार्यश्री के साथ संस्था शिवदीप के प्रमुख संदीप गोयल ऑटो, छवि वेलफेयर सोसाइटी के प्रमुख गोपाल गोयल, अग्रवाल समाज इंदौर फाउंडेशन के किशोर गोयल और संजय बांकड़ा तथा संस्था वनदेवी आयोजना की ओर से सरस्वती पेंढारकर भी उपस्थित थीं। कॉलेज प्रबंधन की ओर से श्रीमती संध्या चौकसे एवं सुप्रभात चौकसे ने आचार्यश्री एवं सभी मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह आयोजन छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने और उन्हें जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। प्रकाश/10 दिसम्बर 2025 संलग्न चित्र: उज्जैन रोड स्थित एलएनसीटी के छात्रों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाते आचार्य शांतनु महाराज।