देश के प्रथम प्रधानमंत्री, देश की आजादी के अपनी अतुलनीय भूमिका निभाने वाले, आधुनिक भारत के निर्माता, महान विचारक पण्डित जवाहर लाल नेहरू अपनी मौत के दशकों बाद भी पीएम मोदी के जेहन में ऐसे सवार हैं कि पीएम मोदी नेहरू जी को पानी पी कर कोसते हैं, आज एक दशक से ज़्यादा मोदी प्रधानमंत्री हैं लेकिन अपनी जवाबदेही से बचने के लिए हमेशा नेहरू जी को कोसते रहते हैं, मेरा एक सवाल है कि अगर नेहरू जी नहीं होते तो आपका क्या होता?? पीएम मोदी का नेहरू जी को कोसना ऐसे ही है, जैसे बच्चे अपने पूर्वजों को कोसते हैं, ये भारत के कृतघ्नता कहानी सुनाती है जिन नेहरू जी को भरपूर सम्मान मिलना चाहिए था, उन्हीं नेहरू जी को आज ऐसे कोसा जाता है जैसे नेहरू जी कोई देशद्रोही थे। जब कभी पीएम मोदी का मूल्यांकन होगा तो नेहरू जी की मृत्यु के इतने दशकों बाद के बार - बार निंदा करना क्या उचित ठहराया जाएगा? मुझे लगता है बिल्कुल भी नहीं। नेहरू केवल एक नेता नहीं थे, बल्कि देश के स्वाभिमान एवं आत्मबल के प्रतीक थे, बुद्धिमत्ता के जीते जागते प्रतिमूर्ति थे, अंग्रेजो को ललकारने वाले, साम्प्रदायिकता, जातिवाद, अंधविश्वास और पाखंड से लड़ने वाले, क्रांति के अग्रदूत, शांति के उपासक नेहरू, भारतीय जनता के हृदय सम्राट नेहरू, विनोबा भावे के शब्दों में कहें तो लोक देव नेहरू.... आज इन्हीं नेहरू जी को ऐसे कोसा जा रहा है जैसे नेहरू जी इस देश के शत्रु थे, निंदा और आलोचना में ज़रा सा फर्क़ होता है, ऐसा नहीं है कि जीते जी पण्डित जी की आलोचना नहीं हुई, परंतु ये ध्यान रखना चाहिए कि देश को सुदृढ़ बनाने वाले आर्किटेक्ट पंडित नेहरू जी की आज विशुद्ध आलोचना हो रही है, और आलोचना वे कर रहे हैं जिन्होंने नेहरू जी को कभी सामने से देखा भी नहीं। पीएम मोदी नेहरू से बड़ा बनने की कोशिश करते रहते हैं, परंतु नेहरू तो खुली किताब हैं उनकी ज़िन्दगी का एक - एक अध्याय जनता के सामने खुला हुआ है जिसे कोई भी पढ़ सकता है। जान बूझकर जवाहरलाल नेहरू के कद, योगदान और प्रभाव को ढांकना चाहते हैं, जो कि आधुनिक भारत के संस्थापक, पहले प्रधानमंत्री और लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता व वैज्ञानिक सोच के पैरोकार थे। आसान नहीं होता नेहरू बनना एक उम्र लग जाती है एक युग गुजर जाता है, पीएम मोदी को ध्यान रखना चाहिए कि नेहरू की बुराई करने के लिए आप प्रधानमंत्री और नहीं बने हो नेहरू एक युग था, एक विकास की अवधारणा थी, एक संकल्प था, एक सोच थी, एक मिशन था, एक योजना थी, जिसे विकसित होते हुए फलते फूलते हुए पूरी दुनिया ने देखा। पीएम मोदी द्वारा नेहरू की लगातार आलोचना करते रहने पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को दो टूक कहा है कि एक-एक कर उनकी ग़लतियाँ गिनाने की बजाए एक बार में ही सब पर बहस कर हमेशा के लिए इसको ख़त्म करें। प्रियंका ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा, नेहरू जी से जितनी भी शिकायतें हैं, जितनी भी गलतियां हैं, उन्हें जितना भी बुरा-भला कहना है, उसकी भी एक सूची बना लीजिए। नौ सौ निन्यानबे अपमान, इसकी सूची बना दीजिए। फिर एक समय निर्धारित करिए- 10 घंटे, 20 घंटे, 40 घंटे- हम बहस कर लेंगे। उन्होंने अंग्रेज़ी के एक कथन का ज़िक्र करते हुए कहा कि चलिए, इस मुद्दे को हमेशा के लिए ख़त्म करते हैं और फिर बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं की समस्याएँ... पीएमओ के अंदर बेटिंग ऐप, एप्स्टीन फाइल्स में मंत्रियों के नाम, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। प्रियंका ने नेहरू की विरासत की उपलब्धियाँ गीनाईं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी 12 साल से प्रधानमंत्री हैं, जबकि नेहरू ने देश की आजादी के लिए लगभग इतने ही समय जेल में बिताए। नेहरू स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नौ बार जेल गए और 3200 से ज्यादा दिन कैद रहे। उसके बाद उन्होंने 17 साल प्रधानमंत्री रहकर देश की सेवा की। प्रियंका ने कहा, आप नेहरू की बहुत आलोचना करते हैं, लेकिन अगर उन्होंने इसरो नहीं बनाया होता तो मंगलयान नहीं होता। डीआरडीओ नहीं बनाया होता तो तेजस नहीं होता। आईआईटी और आईआईएम नहीं बनाए होते तो आईटी में हम आगे नहीं होते। एम्स नहीं बनाया होता तो कोरोना जैसी चुनौती से कैसे निपटते? भेल सैल, जैसे पीएसयू नहीं बनवाए होते, तो विकसित भारत कैसे बनता? उन्होंने जोर देकर कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के लिए जिए और देश की सेवा करते हुए मरे। नेहरू जी ने देश के लिए जो कुछ भी किया है, उस पर विमर्श होता है, होना भी चाहिए, परंतु उनका नाम उसी सम्मान, आदर सहित लिया जाना चाहिए जिसके वे हकदार थे, पीएम मोदी हर बार भूल जाते हैं नेहरू जी केवल देश के पीएम नहीं थे, बल्कि महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं महान विचारक थे। (लेखक पत्रकार हैं ) ईएमएस/ 11 दिसम्बर 25