लेख
11-Dec-2025
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मशहूर शायर और गीतकार जावेद अख्तर की एक गजल है जिसे जगजीत सिंह ने अपनी आवाज दी है उस गजल का एक शेर है वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं, कौन दुख झेले आजमाए कौन यानी जिन्हें हम अपना समझते हैं क्या वे सचमुच अपने हैं अगर हम इसे आजमाते हैं तो हमें दुख ही मिलेगा। पिछले तीन दिनों की मध्य प्रदेश विधानसभा में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने अपनी ही सरकार को सवाल पूछ पूछ कर घेरा उसे देखते हुए गजल का ये शेर पूरी तरह से मौजू लगता है। जो खबरें आई हैं उसमें बताया गया है कि प्रमुख विरोधी पार्टी कांग्रेस के विधायकों से ज्यादा पार्टी के विधायकों ने सरकार से सवाल पूछे सरकार जवाब देते देते थक गई लेकिन भाजपा विधायकों को जवाबों से सेटिस्फेक्शन नहीं हुआ कांग्रेस इस मसले को लेकर भारी मजा ले रही हैं उसका कहना है कि जो काम हमारा था वो सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही पूरा कर दिया। सरकार को समझ में नहीं आ रहा था क्या करें भाजपा विधायकों को सोचना था कि अपनी सरकार है, अपने मंत्री हैं, अपने मुख्यमंत्री हैं उसके बावजूद ऐसे ऐसे सवाल किए गए जिनका उत्तर सरकार के मंत्रियों के पास नहीं मिल पा रहा था। इसलिए कहा जाता है कि अपने लोगों पर भी बहुत ज्यादा भरोसा करना कई बार अलसेट दे देता है सत्ता पक्ष ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनके अपने लोग ही उन्हें ऐसे संकट में डाल देंगे लेकिन संकट में तो डाल ही दिया तो अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत अखबारों में भी सुर्खियां बन गई कि कांग्रेस से ज्यादा सवाल भाजपा के विधायकों ने पूछ लिए अपना कहना तो यही है पार्टी से कि अब जब कभी भी विधानसभा का सत्र हो पहले से ही तमाम भाजपा के विधायकों को बुलाकर समझा दिया जाए कि खबरदार जो आप लोगों ने सवाल किए, जो भी पूछना है अकेले में मंत्री जी से पूछ लो आपको भी उत्तर मिल जाएगा और मंत्री जी भी असहज नहीं हो पाएंगे विधानसभा में ,लेकिन आजकल हर विधायक को लगता है कि अगर सुर्खियों में आना है तो सवाल तो पूछना पड़ेगा और हर नेता अखबारों की, टीवी की सुर्खियां बनना चाहता है बस यही कारण है कि इन लोगों ने सवाल दर सवाल दाग दिए और अपने इलाके के लोगों को यह भी संदेश दे दिया कि देखा हमने आप लोगों की समस्याएं कितनी प्रभावशाली तरीके से विधानसभा में उठाई, लेकिन अपने को लगता है कि जिन भाजपा विधायकों ने बहुत ज्यादा सवाल पूछे हैं उनका नाम पार्टी ने नोट कर लिया होगा और अब उनका भविष्य आगे क्या होगा यह कहना बड़ा मुश्किल है। इससे आधे मैं तो लंदन घूम आते देश में सबसे ज्यादा फ्लाइट वाली कंपनी इंडिगो है लेकिन अचानक उसकी हजारों फ्लाइट कैंसिल हो गई इधर इसकी फ्लाइट कैंसिल हुई दूसरी फ्लाइट कंपनियों की तो जैसे चांदी हो गई । जिस जगह का किराया पांच और दस हजार था वो पचास से साठ हजार तक पहुंच गया । आपदा में अवसर ढूंढना तो नेताओं ने सिखा ही दिया है अपने देश के लोगों को तो फिर ये दूसरी कंपनियां इस आपदा में अवसर क्यों न ढूंढती सो उनने ढूंढ लिया। इधर बेचारे इंडिगो के यात्री दो-दो तीन-तीन दिन तक एयरपोर्ट में पड़े पड़े इंडिगो के कर्ताधर्ताओं को पानी पी पीकर कोस रहे थे लेकिन ना तो सरकार को कोई चिंता थी ना इंडिगो के मालिकों को, इसलिए भैया अपना तो यही कहना है कि काहे को फालतू फ्लाइट के चक्कर में रहते हो दुनिया भर में बसें चल रही है, ट्रेनें चल रही हैं, खुद की कारें हैं उसी में यात्रा करो थोड़ा टाइम लगेगा लेकिन ऐसी फजीहत तो नहीं होगी और दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात तो ये है कि काहे को दिल्ली से कोलकाता जा रहे हो इतने किराए में तो तीन बार लंदन की यात्रा हो जाएगी कहने को भी हो जाएगा कि हम फॉरेन रिटर्न हैं और पैसे भी कम लगेंगे । उन बेचारे दूल्हा दुल्हन की तो सोचो जिनका रिसेप्शन था और वे अपना रिसेप्शन वीडियो कॉल के माध्यम से देख रहे थे । किसी का अर्जेंट काम था तो किसी की बिटिया की शादी थी मां-बाप के बिना शादी हो तो कैसे हो जब बहुत हल्ला मचा तब सरकार ने इंडिगो को नोटिस जारी कर दिया है अब इंडिगो को नोटिस का जवाब देना है लेकिन इंडिगो को मालूम है कि अपना कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि अपनी मोनोपोली जो है । रुपया नीचे गिर गया पता चला है कि अपने रुपए की कीमत लगातार नीचे गिरती जा रही है लुढ़क लुढ़क कर पता नहीं कहां जा रहा है किसी को नहीं पता उसे खुद भी नहीं पता कि उसे और कितना लुढ़कना होगा और कितना नीचे गिरना होगा, वैसे रुपया अगर नीचे गिर रहा है तो उसमें उसका कोई दोष नहीं, क्योंकि दुनिया में सब कुछ तो नीचे गिर रहा है लोगों की ईमानदारी नीचे गिर गई है, उनके सोचने का तरीका नीचे गिर गया है, नेताओं की क्रेडिबिलिटी नीचे गिर गई है, महिला अफसरों की लालच की सीमा नीचे से नीचे जा चुकी है कोई हवाला के पैसे लूट रही है तो कोई अपने ही दोस्त के घर से पैसे चुरा रही है ,एक अधिकारी ने तो एक शराब व्यापारी को सुसाइड करने तक के लिए मजबूर कर दिया, समाज की अच्छाइयां भी नीचे गिर गई है जब सब कुछ नीचे गिर रहा है तो बेचारा रुपया कब तक ऊपर बना रहता तो उसने भी सोच कि सबके साथ रहना है तो उनके हिसाब से अपने को भी गिरना पड़ेगा सो वह लगातार गिर रहा है और अभी लगता नहीं है कि उसकी गिरने का क्रम थम जाएगा। सुपर हिट ऑफ द वीक तुमने तो कहा था कि रात के खाने में दो ऑप्शन होंगे लेकिन यहां तो एक ही सब्जी दिख रही है श्रीमान जी ने श्रीमती जी से कहा ऑप्शन तो अभी भी दो हैं पहला खाना है तो खाओ, वरना भाड़ में जाओ श्रीमती जी ने उत्तर दिया ईएमएस / 11 दिसम्बर 25