देहरादून (ईएमएस)। महिला यौन उत्पीड़न और महिला यौन अपराधों से बचाव की जानकारी देने के लिए अपनी मुहिम के अंतर्गत सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ने जागरूकता कार्यशाला में महत्वपूर्ण जानकारी दी और सभी को जागरूक करने का काम किया। इस अवसर पर कार्यशाला में मनोवैज्ञानिक समाजसेवी डॉ. पवन शर्मा द साइकेडेलिक ने बड़े रोचक और प्रायोगिक तरीके से उदाहरणों के साथ प्रतिभागियों को यौन उत्पीड़न और यौन अपराधों के बारे में जानकारी दी और बचाव के कई अनूठे और अत्यंत प्रभावी तरीकों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि बचपन की यौन हिंसा और पार्टनर से प्रताड़ित यौन हिंसा के मामले महिलाओं के मानसिक रोग, अवसाद, नशे की लत और आत्महत्या के खतरों से गहरे जुड़े पाए गये हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नवंबर 2023 की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में 15-49 वर्ष की हर पाँचवी महिला पार्टनर हिंसा का शिकार है। उन्होंने बताया कि लैसेंट की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 23 फीसदी महिलाओं ने पार्टनर हिंसा झेली, और 30 फीसदी महिलाएं बचपन में यौन हिंसा का सामना कर चुके हैं। डॉ, शर्मा ने कहा कि रिपोर्ट में इन मामलों में भारत की स्तिथि को भी चिंताजनक बताया गया है। शैलेन्द्र नेगी/ईएमएस/11 दिसंबर 2025