22 साल की भाजपा सरकार ने आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक संकट में धकेला भोपाल (ईएमएस) । प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार के दो साल पूरे होने पर प्रदेश कांग्रेस ने इसे विफलताओं, जन-विरोधी नीतियों, आर्थिक कुप्रबंधन, बढ़ते कजऱ् और खोखले दावों का कार्यकाल बताया हे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष्ज्ञ जीतू पटवारी एवं नेता प्र्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान यह आरोप लगाए। इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी सदस्य कमलेश्वर पटेल, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे तथा मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर पटवारी ने कहा कि मु यमंत्री मंचों से विकास की बातें करते हैं, मानो मध्यप्रदेश में ‘गंगा बह रही हो ‘, लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है। प्रदेश आज 4 लाख 75 हजार करोड़ रुपए के कजऱ् में डूबा है। 22 साल की भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश को आर्थिक रूप से इतना कमजोर कैसे किया—यह मु यमंत्री को जवाब देना ही होगा। उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम’ का भावनात्मक नारा दिया जाता है, लेकिन पूरे के पूरे जंगल उद्योगपतियों के नाम कर दिए गए—यह कैसा विकास मॉडल है? उन्होंने इस दौरान शिक्षा,भ्रष्टाचार, स्वास्थ, मोदी की गारंटी, संपत्तियां बेचकर कर्ज चुकाना, निवेश रोजगार, इन्वेस्टर्स मीट, किसानों की हालात पर गंभीर सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा 22 साल से सत्ता में है, लेकिन मध्यप्रदेश की पहचान आज भी बीमारू राज्य’ के रूप में होती है। यदि 22 साल बाद भी राज्य कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था, कुपोषण, बेरोज़गारी और अपराध से ही पहचाना जाए—तो यह किसी 2 साल की विफलता नहीं, बल्कि पूरे शासन मॉडल की हार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विजन डाक्यूमेंट पेश करने के नाम पर विशेष सत्र बुलाया, जबकि यह दस्तावेज़ वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता था।लेकिन 2025 का शीतकालीन सत्र केवल 4 दिन चलाया—ताकि जनता के मुद्दों पर चर्चा न हो। विजन डाक्यूमेंट विपक्ष से बिना चर्चा के सीधे पेश किया गया—यह लोकतांत्रिक दस्तावेज़ नहीं, सरकार का प्रचार पत्र है। जनता विजन नहीं, हिसाब चाहती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य प्रणाली चरमराई हुई कैगरिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 6,467 डॉक्टरों की कमी है। अस्पतालों में दवाइयाँ नहीं, जांच नहीं, डॉक्टर नहीं—इसका पूरा बोझ गरीब जनता पर पड़ रहा है। उन्होने बच्चों में कुपोषण, मातृ मृत्यू दर , युवाओं को रोजगार घोषणाओं का इंतजार , स्कूलों की हालत, भोपाल मेट्रो में हो रही देरी, ओबीसी आरक्षण,आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग की उपेक्षा का मुद़दा उठातें हुए का कि सरकार को ‘दो साल के जश्न से पहले 22 साल कारियलटी डाक्यूमेंट‘ जनता को देना चाहिए। आशीष पाराशर/12 दिसंबर2025