क्षेत्रीय
13-Dec-2025
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- नर्सिंग काउंसिल को 15 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश - एमपी में नर्सिंग में हजारों सीटें खाली लेकिन कौंसिल प्रवेश प्रक्रिया नहीं करवा रहीं - रवि परमार भोपाल(ईएमएस)। मध्यप्रदेश में नर्सिंग काउंसिल की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर एनएसयूआईं प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार लंबे समय से सवाल खड़े कर रहें पहले भी प्रवेश परीक्षा देने से उनको रोक दिया गया था, फिर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद परीक्षा में शामिल हो पाएं थे। लेकिन अब फिर रवि परमार को प्रवेश प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट जाना पढ़ा। याचिकाकर्ता रवि परमार एवं अन्य द्वारा दायर याचिका पर उच्च न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने पक्ष रखा और एमएससी नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया में हो रही अनियमितताओं की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया। उच्च न्यायालय ने एमएससी नर्सिंग प्रवेश प्रकरण को गंभीर मानते हुए मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के अधिवक्ता को 15 दिसंबर को न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए। साथ ही न्यायालय ने यह महत्वपूर्ण बिंदु भी रेखांकित किया कि परिषद द्वारा पोस्ट बीएससी एवं एमएससी नर्सिंग की काउंसलिंग हेतु समय-सारणी तो जारी की गई है, लेकिन संबंधित वेबसाइट कार्यरत नहीं है, जिससे पात्र अभ्यर्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। * एडमिशन प्रक्रिया को लेकर सर्वोच्च न्यायालय दे चुका है निर्देश अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के अनुसार सुनवाई के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि दिसंबर 2025 में मध्य प्रदेश नर्स पंजीकरण परिषद के रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा भारतीय नर्सिंग परिषद को पत्र प्रेषित कर एस.एल.पी. संख्या 29570/2025 के संबंध में उत्तर दिया गया था। उक्त पत्र में उल्लेख है कि 3 दिसंबर 2025 के आदेश द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि भारतीय नर्सिंग परिषद प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित उम्मीदवारों के प्रवेश में कोई बाधा उत्पन्न न करे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई गई है, तथा पत्र के पैरा-3 में यह स्पष्ट किया गया है कि ये निर्देश केवल मध्य प्रदेश राज्य में प्रवेश के संदर्भ में लागू होंगे। इस पर माननीय उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया कि जब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की तिथि 31/12/2025 तक बढ़ाई गई है, तो एमएससी नर्सिंग को इससे अलग क्यों रखा गया है? न्यायालय ने इस संबंध में भारतीय नर्सिंग परिषद से स्पष्ट स्पष्टीकरण अपेक्षित बताया। भारतीय नर्सिंग परिषद का दिनांक 08/12/2025 का पत्र भी न्यायालय के अभिलेख में लिया गया। * आईएनसी की और से पेश होने वाले अधिवक्ता को भी याचिका की प्रति भेजे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि आमतौर पर भारतीय नर्सिंग परिषद की ओर से विद्वान अधिवक्ता मोहन सौसरकर न्यायालय में प्रस्तुत होते हैं। न्यायालय ने निर्देश दिए कि याचिका की प्रति, संबंधित पत्राचार सहित, मोहन सौसरकर को भेजी जाए, ताकि वे परिषद से निर्देश प्राप्त कर न्यायालय के समक्ष स्थिति स्पष्ट कर सकें। इसके अतिरिक्त न्यायालय को यह भी अवगत कराया गया कि मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल द्वारा पीबीबीएससी नर्सिंग एवं एमएससी नर्सिंग की काउंसलिंग हेतु एक अस्थायी समय-सारणी जारी की गई है, किंतु परिषद की वेबसाइट पूरी तरह से गैर-कार्यशील है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए कि भोपाल स्थित मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के अधिवक्ता अभिजीत अवस्थी, जो वर्तमान में अवकाश पर बताए गए हैं, व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होकर यह स्पष्ट करें कि यदि वे कार्यरत हैं, तो एमएससी नर्सिंग में प्रवेश की समय-सीमा बढ़ाने के लिए क्या व्यवस्था की गई है। न्यायालय ने उन्हें 15 दिंसबर 2025 को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। * अस्पष्ट निर्णयों के कारण हजारों विद्यार्थियों का भविष्य हो रहा प्रभावित याचिकाकर्ता रवि परमार ने कहा कि एमएससी नर्सिंग जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। वेबसाइट बंद होने और अस्पष्ट निर्णयों के कारण हजारों विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित हो रहा है, जिसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। रवि परमार ने बताया कि न्यायालय से मांग की है, कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पूर्ण पालन करते हुए एमएससी नर्सिंग में भी प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई जाए, तथा अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। जुनेद / 13 दिसंबर