नागपुर, (ईएमएस)। भाजपा महायुति सरकार ने महाराष्ट्र में मछली पकड़ने वाले समुदाय को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाने के लिए कमर कस ली है, और केंद्र की तर्ज पर, राज्य में 26 जनवरी, 2026 से एक अलग मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू की जाएगी, यह अहम ऐलान शनिवार को राज्य के मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने किया। उन्होंने यह भी साफ़ किया कि अब से मछली उत्पादन की चोरी रोकने और सही उत्पादन को समझने के लिए लेटेस्ट एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। शनिवार को हुई मछुआरों की बैठक में बोलते हुए, मंत्री राणे ने इन नई स्कीम्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह नई स्कीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की तर्ज पर राज्य में लागू की जाएगी। इसके तहत, खास तौर पर राज्य के लिए 26 नई स्कीम्स शुरू की जाएंगी। इस स्कीम का मुख्य मकसद मछुआरों की इनकम बढ़ाना और राज्य का मछली प्रोडक्शन बढ़ाना है। उन्होंने कहा, तालावों में मछली उत्पादन की सही मात्रा अक्सर सरकार से छिपाई जाती है। इसके समाधान के तौर पर, राज्य सरकार ने टेक्नोलॉजी की मदद लेने का फैसला किया है। मंत्री राणे ने कहा, अब तालावों की मॉनिटरिंग के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने मार्वल एजेंसी के साथ 1 करोड़ 80 लाख रुपये का एग्रीमेंट किया है। इस टेक्नोलॉजी से तालावों में मछली चोरी रुकेगी और सरकार को उत्पादन का सही डेटा मिलेगा। इस मौके पर बोलते हुए, मंत्री राणे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का खास धन्यवाद किया। राणे ने भरोसा जताते हुए कहा, पिछले 12 महीनों में, देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में, हमने मछुआरों के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। फडणवीस साहब ने मुझे फ्रेशवॉटर फिशिंग पर फोकस करके इस समुदाय की आय बढ़ाने की अहम जिम्मेदारी सौंपी है और मैं इसे पूरा करूंगा। संजय/संतोष झा- १३ दिसंबर/२०२५/ईएमएस