बड़वानी (ईएमएस)। किसी भी अच्छे कार्य को करने के लिए सक्षमता के साथ-साथ सकारात्मक भाव और इच्छाशक्ति का होना भी जरूरी है तभी आशा आश्रय जैसे प्रकल्प आकार लेते हैं। उक्त बातें नेशनल लोक अदालत में दो वर्ष से बिछड़े मनोरोगी को परिवार में पुनर्वास के दौरान कहीं। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री जैन ने कहा चौकसी वाला ज्वेलर्स का निस्वार्थ भाव से निराश्रित मनोरोगियों के पुनर्वास के लिए तन मन धन के साथ कार्य करना समाज के लिए एक अनुकरणीय पहल है। दो वर्ष से अपने घर ग्राम राहता शिर्डी महाराष्ट्र से निकले किरण को फरवरी 2025 में टीम आशा आश्रय गृह सेंधवा से रेस्क्यू करके लाई थी। जिला चिकित्सालय के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ राहुल पाटीदार के सतत उपचार तथा आशा आश्रय गृह का पारिवारिक एवं प्राकृतिक परिवेश में वह शीघ्र ही 11 माह में ही स्वस्थ हो गए। निरंतर आशा आश्रय गृह की काउंसलिंग के द्वारा प्राप्त निष्कर्ष से ज्ञात होने पर आश्रय गृह के द्वारा परिजनों का पता लगाकर उन्हें आज नेशनल लोक अदालत में बुलाकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री महेंद्र कुमार जैन एवं प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश श्री अमूल कुमार मंडलोई व आशा आश्रय गृह के श्री विनय सोनी चौकसीवाला की उपस्थिति में मनोउपचारित किरण को बड़े भाई के सुपर्द किया गया। बड़े भाई भागूनाथ निधाने ने बताया काफी समय हो जाने के बाद सब दूर खोजने पर जब भाई का पता नहीं मिला तो हमने उम्मीद छोड़ दी थी किंतु आश्रय गृह से पता लगने पर भाई को लेने आया हूं। उन्होंने माननीय न्यायाधीश महोदय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए संस्था के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान प्राधिकरण के श्री अर्जुन परमार,आशाग्राम ट्रस्ट के श्री सचिन दुबे श्री मनीराम नायडू श्री मनीष पाटीदार श्री समाधान पाटील श्रीमति साधना भावसार आदि उपस्थित थे। हेमंत / ईएमएस / 13 दिसम्बर 2025