राष्ट्रीय
14-Dec-2025
...


भुवनेश्वर,(ईएमएस)। ईस्ट कोस्ट रेलवे ने अपने कार्यक्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर सोलर पावर से संचालित सीसीटीवी कैमरे और अत्याधुनिक सर्विलांस ड्रोन तैनात किए हैं। इस पहल का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना, बिना अनुमति रेलवे परिसर में प्रवेश की घटनाओं पर रोक लगाना, दूर-दराज और बिजली से वंचित इलाकों में प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करना तथा रेलवे की संपत्ति और कर्मचारियों की सुरक्षा को और पुख्ता करना है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, जिन क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता सीमित है या बिल्कुल नहीं है, वहां निर्बाध निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सोलर आधारित सीसीटीवी सिस्टम लगाए गए हैं। ईस्ट कोस्ट रेलवे के तीनों डिवीजनों में संवेदनशील, कमजोर और संचालन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान कर वहां यह तकनीक स्थापित की जा रही है। इससे निगरानी व्यवस्था को लगातार सक्रिय रखा जा सकेगा और सुरक्षा में किसी तरह की कमी नहीं रहेगी। वॉल्टेयर डिवीजन में अब तक रेलवे यार्ड और अनधिकृत प्रवेश वाले क्षेत्रों में 113 सोलर पावर्ड सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा 115 और कैमरों की खरीद की प्रक्रिया भी चल रही है। इसी तरह खुर्दा डिवीजन में अभी छह सोलर आधारित कैमरे विशेष स्थानों पर लगाए गए हैं, जबकि यहां 1,027 अतिरिक्त कैमरों की खरीद की तैयारी की जा रही है। संबलपुर डिवीजन में रणनीतिक और अत्यंत आवश्यक स्थानों पर 46 सोलर पावर्ड सीसीटीवी कैमरे पहले ही लगाए जा चुके हैं। रेलवे प्रशासन का कहना है कि इन कैमरों के लगने से यात्रियों और आम नागरिकों को बड़ा लाभ मिलेगा। कमजोर और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा का स्तर बढ़ेगा, अपराधों पर अंकुश लगेगा, अनधिकृत प्रवेश की घटनाएं कम होंगी और दूरस्थ क्षेत्रों में भी प्रभावी निगरानी संभव हो सकेगी। इसके साथ ही ये कैमरे व्यस्त समय में भीड़ प्रबंधन, आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया, घटनाओं के बाद विश्लेषण और रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा में भी सहायक साबित होंगे। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए ईस्ट कोस्ट रेलवे ने हवाई निगरानी के लिए एडवांस्ड ड्रोन तकनीक भी अपनाई है। वर्तमान में कुल पांच सर्विलांस ड्रोन सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। खुर्दा रोड और वॉल्टेयर डिवीजन में दो-दो ड्रोन तैनात हैं, जबकि संबलपुर डिवीजन में एक ड्रोन कार्यरत है। इन ड्रोन का उपयोग लंबे रेलवे ट्रैक की रियल-टाइम निगरानी, दूर-दराज के क्षेत्रों में निरीक्षण, रेलवे यार्ड की सुरक्षा, विशेष अवसरों पर भीड़ नियंत्रण और विभिन्न सुरक्षा अभियानों में किया जा रहा है। रेलवे का कहना है कि यह पहल यात्रियों के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद रेलवे वातावरण तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वीरेंद्र/ईएमएस 14 दिसंबर 2025