-कोई भी कंपनी अपनी धाक के बल पर मनमानी कीमत नहीं वसूल सकती नई दिल्ली,(ईएमएस)। एविएशन सेक्टर में इंडिगो एयरलाइन की मोनोपोली अब जांच के दायरे में आ गई है। देश में निष्पक्ष कारोबार पर नजर रखने वाली संस्था कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) जांच कर रही है कि क्या देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने मोनोपोली बनाए रखने के लिए प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंडिगो संकट कॉम्पिटिशन एक्ट का खुला उल्लंघन माना जा रहा है। इसके मुताबिक कोई कंपनी अपनी धाक के बल पर मनमानी कीमत नहीं वसूल सकती और सेवाओं को मनमाने तरीके से संचालित कर कस्टमर्स को ब्लैकमेल नहीं कर सकती है। कॉम्पिटिशन कमीशन अंदरूनी तौर पर इंडिगो की मोनोपोली वाली स्थिति, खास रूट्स पर दबदबे और गलत इस्तेमाल जैसे कई पहलुओं पर छानबीन कर रहा है। किराया बढ़ाने का मामला अगर सही साबित होता है तो आयोग जांच का आदेश देगा। रिपोर्ट के मुताबिक डीजीसीए की ओर से एविएशन नियमों में बदलाव चलते दिसंबर के पहले हफ्ते में इंडिगो में क्रू मेंबर्स की भारी कमी हो गई थी। इसके कारण 1 से 10 दिसंबर के बीच इंडिगो की 5000 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हुईं थीं। इंडिगो ने मामले की आंतरिक जांच को पूरी तरह इंटरनेशनल एक्सपर्ट के हवाले करने का फैसला किया है। सीईटो पीटर एल्बर्स शुक्रवार को डीजीसीए की समिति के सामने पेश हुए थे। कंपनी ने इससे पहले ही स्वतंत्र जांच का जिम्मा विश्व प्रसिद्ध एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन जॉन इल्सन को सौंप दिया। यह कदम संकेत देता है कि एयरलाइन ऑपरेशनल मॉडल और प्रबंधन प्रक्रियाओं की गहराई से समीक्षा करवाने के दबाव में है। इल्सन चार दशक के दौरान शीर्ष वैश्विक संस्थानों का नेतृत्व कर चुके हैं। नियुक्ति इंडिगो बोर्ड के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सिफारिश पर की गई है। डीजीसीए ने इंडिगो के चार फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर- ऋषि राज चटर्जी, सीमा झामनानी, अनिल कुमार पोखरियाल और प्रियम कौशिक को बर्खास्त कर दिया है। ये अधिकारी एयरलाइन की सेफ्टी और ऑपरेशनल कंप्लायंस की निगरानी कर रहे थे। सिराज/ईएमएस 14 दिसंबर 2025