कटनी (ईएमएस) प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के बीते दो वर्ष कार्यकाल की उपलब्धिया लेकर जिले के प्रभारी मंत्री एवं परिवहन व उच्च शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह कलेक्ट्रेट सभागार कक्ष मे पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। वही प्रदेश के सबसे बड़े आदिवासी जमीन घोटाले की गूंज ने सत्ता पक्ष की बोलती बंद कर रखी है।यह बात तब सिद्ध हुई जब पत्रकारों के द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब देने की वजह कुर्सी छोड़ कर भाग खड़े हुए। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के सबसे रईस भाजपा विधायक संजय पाठक के चार आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर खरीदी गई 1135 एकड़ जमीन का मामला सुर्खियों में है। आदिवासी जमीन घोटाले का यह मामला प्रदेश सरकार के लिए भी फजीहत बना हुआ है। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े आदिवासी जमीन घोटाले को लेकर दिव्यांशू मिश्रा अंशू की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली ने डिंडौरी, जबलपुर, सिवनी, कटनी, उमरिया के कलेक्टरों को नोटिस जारी किया था। आयोग से नोटिस जारी हो जाने के बावजूद पांच में से चार कलेक्टरों ने अब तक रिपोर्ट नहीं भेजी। रिपोर्ट न भेजने वाले कलेक्टरों में कटनी कलेक्टर का नाम भी शामिल है। कटनी जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश के परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के शनिवार को कटनी आगमन पर जब पत्रकारों ने उनसे यह पूछा की चारों आदिवासी कहां हैं, प्रशासन चारों आदिवासियों को अब तक ढूंढ क्यों नहीं पाया। पत्रकारों ने यह सवाल क्या किया, जिले के प्रभारी मंत्री ने तो पत्रकार वार्ता ही समाप्त कर दी। सवाल को नजर अंदाज करते हुए सर झुकाकर सभी का आभार जताया और फिर उठ के बाहर निकल गए। मंत्री महोदय ने ऐसा प्रतीत किया जैसे उन्होंने सवाल सुना ही नहीं। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते समय पहले तो उन्होंने प्रदेश सरकार के विकास कार्यों की गाथा सुनाई, उसके बाद जब पत्रकारों ने जिले में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन और चार गरीब आदिवासियों के नाम हुए जमीन घोटाले का सवाल पूछा तो मंत्री जी बिना जवाब दिए ही बाहर निकल गए। इस दौरान उनके साथ खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा, जिले के तीन विधानसभा के विधायक एवं कलेक्टर एसपी भी मौजूद रहे। कटनी, (ईएमएस) अनिल दीवान,14/12/2025