व्यापार
14-Dec-2025
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- भारत-अमेरिका ट्रेड डील और एफआईआई (की गतिविधियों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी मुंबई (ईएमएस)। घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरी साप्ताहिक गिरावट के बाद स्थिरता की तलाश में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सप्ताह में बाजार पर महंगाई के आंकड़े और वैश्विक आर्थिक कारक असर डाल सकते हैं। खुदरा महंगाई (सीपीआई) के आंकड़े शुक्रवार को जारी हुए, जबकि थोक महंगाई (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े सोमवार को बाजार बंद होने के बाद जारी होंगे। शेयर बाजार पर अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील, विदेशी निवेशक की गतिविधियां और अंतरराष्ट्रीय ब्याज दरों के बदलाव का असर भी दिखाई देगा। अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर में 25 बेसिस प्वॉइंट कटौती से कुछ राहत मिली है, वहीं डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट (90.56 का नया रिकॉर्ड) निवेशकों को सतर्क कर रही है। विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को भारतीय शेयरों में अधिक बिकवाली की, कुल 396.26 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए। इसके विपरीत, भारतीय संस्थागत निवेशकों ने शेयरों की खरीद अधिक की, जिससे नेट बाइंग 2,828.21 करोड़ रुपये रही। इससे बाजार में कुछ स्थिरता बनी, लेकिन रुपया कमजोर बना हुआ है। अगले सप्ताह निवेशक थोक महंगाई, निर्यात-आयात आंकड़े, और मैन्युफैक्चरिंग व सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखेंगे। यह आंकड़े वर्ष के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत का संकेत देंगे। विशेषज्ञों का अनुमान है कि रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 89.50 से 91.00 के दायरे में ऊपर-नीचे रहेगा। भारत-अमेरिका ट्रेड डील में किसी भी सकारात्मक खबर से रुपये और शेयर बाजार में हल्की मजबूती आ सकती है। कुल मिलाकर, घरेलू और वैश्विक आर्थिक कारक, निवेशकों की गतिविधियां और व्यापार वार्ता बाजार की दिशा तय करेंगे। निवेशकों को महंगाई, निर्यात-आयात आंकड़े और विदेशी निवेशक व्यवहार पर ध्यान रखना होगा ताकि वे सही निवेश निर्णय ले सकें। सतीश मोरे/14‎दिसंबर ---