राज्य
15-Dec-2025
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नागरिक उपभोक्ता मंच ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर की जांच की मांग जबलपुर, (ईएमएस)। मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा प्रदेश में सस्ता कोयला होने के बावजूद भी बिजली का अधिक उत्पादक न करना और पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा अधिक बिजली की खरीदी कोयला घोटाला और निजी बिजली कंपनियों से सांठ गांठ का संदेह व्यक्त करती है| लिहाजा इस पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच होना चाहिए| इस संबंध में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने आज प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन को पत्र प्रेषित कर पूरे घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच किए जाने की मांग की है| नागरिक उपभोक्ता मंच के डॉ पीजी नाजपांडे ने बताया कि सितंबर में सेस हटाए जाने से कोयला सस्ता किए जाने का प्रभाव दो माह पश्चात नवंबर में होना चाहिए था| सस्ता कोयला होने के बाद बिजली का उत्पादन अधिक होता जिससे आगामी महीनों में बिजली की खरीदी कम होकर खर्च घटने की उम्मीद थी| परंतु प्रदेश में बिजली कंपनियों द्वारा विद्युत खरीदी अधिक होने से अक्टूबर के महीनें में उसकी औसत 3.39 रुपए से बढ़कर नवंबर में 3.59 रुपए प्रति किलो वाट हो गई| अक्टूबर में इसका 3143 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया, जिसमें नवंबर में कमी न आकर और बढ़ोत्तरी हो गई| मंच ने इस संबंध में एक बैठक आयोजित कर यह भी निर्णय लिया कि यदि उक्त मामलें में एक पखवाड़े में जांच शुरु नहीं होगी, तो पूरा प्रकरण ईओडब्ल्यू को सौंपा जायेगा| बैठक में श्री नाजपांडे के अलावा, रजत भार्गव, एड.वेदप्रकाश अधौलिया, डीआर लखेरा, सुशीला कनौजिया, गीता पांडे, सहित अन्य मौजूद रहे| अजय पाठक / मोनिका / 15 दिसंबर 2025/ 02.13