लंदन,(ईएमएस)। फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील दोबारा खोलने की याचिका पर ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई स्थगित कर दी है। अदालत ने अगली सुनवाई मार्च 2026 में तय की है। यह निर्णय भारतीय अधिकारियों द्वारा नीरव मोदी की हिरासत और उसके साथ व्यवहार को लेकर दिए गए नए, विस्तृत और ठोस आश्वासनों के बाद लिया गया। मामला लंदन स्थित रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे की पीठ के समक्ष प्रस्तुत हुआ। बता दें कि नीरव मोदी मार्च 2019 से ब्रिटेन में हिरासत में है। उस पर भारत में पंजाब नेशनल बैंक से लगभग दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी, धन शोधन और सबूतों से छेड़छाड़ से जुड़े तीन गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। अप्रैल 2021 में उसके प्रत्यर्पण का आदेश जारी किया गया था, जिसके बाद से वह लगातार कानूनी प्रक्रियाओं के जरिए इसे टालने का प्रयास करता आ रहा है। सुनवाई के शुरुआती चरण में ही न्यायाधीशों ने टिप्पणी की कि यह मामला उन्हें “डेजा वू”जैसा प्रतीत हो रहा है, क्योंकि नीरव मोदी पहले भी कई बार भारत प्रत्यर्पण को रोकने के लिए कानूनी प्रयास कर चुका है और अब तक उसकी सभी कोशिशें विफल रही हैं। अदालत ने कहा कि भारत सरकार की ओर से प्रत्यर्पण के बाद मुंबई की आर्थर रोड जेल में प्री-ट्रायल हिरासत के दौरान नीरव मोदी के साथ व्यवहार, सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर पर्याप्त और स्पष्ट आश्वासन दिए गए हैं। इन्हीं आश्वासनों को ध्यान में रखते हुए पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई टालने का फैसला किया। भारत सरकार की ओर से पेश अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि नीरव मोदी की यह नई याचिका एक अलग और गोपनीय कानूनी प्रक्रिया के समाप्त होने के कुछ ही दिनों बाद दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान यह संकेत भी मिला कि यह गोपनीय प्रक्रिया, जिसे संभावित शरण आवेदन से जोड़ा जा रहा था, संभवतः अगस्त में ही खारिज हो चुकी है। अभियोजन का कहना था कि बार-बार नई याचिकाएं दाखिल कर प्रत्यर्पण प्रक्रिया को लंबा करने का प्रयास किया जा रहा है। अदालत ने मामले में स्पष्ट समय-सीमा तय करते हुए निर्देश दिया कि फरवरी 2026 के मध्य तक दोनों पक्षों को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करनी होंगी। इसके बाद मार्च या अप्रैल 2026 में दो दिन की विस्तृत सुनवाई की जाएगी। इसी दौरान यह फैसला होगा कि नीरव मोदी को अपनी अपील दोबारा खोलने की अनुमति दी जाए या नहीं। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि अपील दोबारा खोलने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता बिना किसी अतिरिक्त देरी के साफ हो जाएगा। अदालत को बताया गया कि ऐसी स्थिति में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तुरंत आगे बढ़ाई जा सकेगी। सुनवाई के दौरान 54 वर्षीय नीरव मोदी उत्तर लंदन की पेंटनविल जेल से वीडियो लिंक के माध्यम से पेश हुआ और उसे नोट्स लेते हुए देखा गया। अभियोजन पक्ष ने यह भी जानकारी दी कि इस सुनवाई के लिए भारत से केंद्रीय जांच एजेंसियों के चार वरिष्ठ अधिकारी लंदन पहुंचे थे। नीरव मोदी के वकीलों ने अपने बचाव में एक अन्य प्रत्यर्पण मामले का हवाला देते हुए मानवाधिकार के आधार पर राहत मिलने की दलील दी, लेकिन अभियोजन ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि वह मामला नीरव मोदी के प्रकरण से अलग है, क्योंकि भारत सरकार पहले ही पर्याप्त आश्वासन दे चुकी है। वीरेंद्र/ईएमएस/17दिसंबर2025