क्षेत्रीय
17-Dec-2025


व्यापारियों ने जताया विरोध, तय समय के बाद भी किसान ला रहे थे अनाज छिदंवाड़ा जबलपुर (ईएमएस)। बुधवार की सुबह कुसमेली स्थित कृषि उपज मंडी में व्यवस्थाएं अचानक गड़बड़ा गई। तीन दिन से खरीदे अनाज का परिवहन जगह की कमी होने के कारण मुश्किल से हो पा रहा था इधर मंगलवार की रात से बध्ुावार की सुबह तक 40 हजार क्विंटल से ज्यादा मंडी में आ गया। इससे मंडी में जाम की स्थिति बन गई। गेट के बाहर तो वाहनों की लंबी कतार लगी ही थी परिसर के अंदर तक वाहनों के पहिए जाम हो गए। अव्यवस्थाओं से नाराज व्यापारियेां ने बोली लगाने से मना कर दिया। आनन फानन में प्रबंधन ने नीचे का गेट बंद कराया और किसानों को कहा कि या तो वे इंतजार करें या फिर अपना अनाज किसी और मंडी में ले जा कर बेचे। दरअसल मंगलवार को मक्का के दाम कुछ बढऩे के कारण बुधवार को अचानक किसानों की संख्या बढ़ गई। हालांकि मंडी प्रबंधन ने रात 12 बजे से सुबह 10 बजे तक ही अनाज वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी लेकिन बुधवार की सुबह से ही गेट पर अनाज के वाहनों की लाइन लग गई। दस बजे प्रवेश बंद हो जाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आपाधापी की स्थिति इसी से बनी। मंडी इंस्पेक्टर देवेंद्र धुर्वे से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि ज्यादा आवक के कारण ऐसा हुआ। हमने तुरंत व्यवस्थाएं बहाल की और अनाज वाहनों का प्रवेश बंद कराया। मंडी अमला भी बरत रहा लापरवाही कृषि उपज मंडी में इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर सहित अन्य मैदानी कर्मचारियों को अमला है जो नीलामी और अन्य व्यवस्थाएं देखता है। इसके अलावा निजी एजेंसी के 60 से ज्यादा कर्मचारी नीचे गेट से लेकर तो परिसर में तैनात है। उनका काम है कि किसानों का अनाज निश्चित स्थान पर ही डले, और नियत समय के बाद परिसर में अनाज के वाहनों का प्रवेश न हो लेकिन इस मामले में कर्मचारी हीला हवाली करते दिखते है। यही वजह है कि मंडी में ऐसी स्थितियां बन रही है। 11 बजे बंद कराया गेट व्यापारियों के विरोध के बाद आनन फानन में मंडी के अधिकारी सजग हुए और 11 बजे के बाद नीचे का प्रवेश गेट बंद कराया गया। इस संबंध में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों और गार्डों को भी स्पष्ट निर्देश दिए गए कि 10 बजे के बाद किसी को प्रवेश न दिया जाए। सुबह 11 बजे के बाद भी 50 से ज्यादा किसान वाहनों में अनाज ला कर खड़े थे। मंडी इंस्पेक्टर ने परिसर में अनाउंसमेंट करके किसानों को इंतजार करने कहा या फिर अपना अनाज बाद में लाने कहा। ध्यान रहे इस बार मंडी परिसर में वाहनों के आने जाने और अनाज का ढेर डालने के लिए जगहें निश्चिित कर दी गई थी बकायदा पूरे परिसर में चूने से लाइनें बिछा दी गई थी। वाहनों के आने जाने में दिक्कतें न हो इसके लिए भी जगह तय कर दी गई थी लेकिन मक्का की आवक के पीक सीजन में व्यवस्थाएं गड़बड़ा रही है। मक्का के लिए पांच शेड भी कम पड़ रहे कुसमेली स्थित मंडी में इस बार पिछले एक सप्ताह में मक्का की आवक चार लाख क्विंटल के आसपास पहुंंच गई है। हालात ये है कि मक्का के लिए रिजर्व पांच शेड भी कम पड़ रहे हैं। इन शेडों की क्षमता पैतीस से चालीस हजार क्विंटल तक की है। रोज इससे ज्यादा अनाज आ रहा है। उसकी नीलामी में ही शाम हो जा रही है। इस अनाज को उठाने भरने और परिवहन करने में कम से कम दो दिन लग रहे हैं इस दौरान एक लाख क्विंटल के आसपास नीलामी के लिए फिर अनाज आ रहा है। ऐसे में अनाज रखने के लिए मंडी परिसर में जगह ही नहीं बची। सिवनी-बैतूल से भी आ रही मक्का छिंदवाड़ा कृषि उपज मंडी में आवक बढऩे का एक कारण आसपास के जिलों से भी मक्का का यहंा की मंडी में आना है। छिंदवाड़ा में इस समय सिवनी और मुलताई बैतूल तक का मक्का लेकर किसान छिंदवाड़ा आ रहे हैं। इससे मंडी में अनाज की आवक का दबाव बढ़ रहा है। दूसरी मंडियों में कुछ व्यापारियों के डिफाल्टर होने के कारण किसान छिदंवाड़ा मंडी का रुख कर रहे हैं। छिंदवाड़ा में अनाज का नगद भुगतान किसानों को मिल रहा है। उन्हें पैसे के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता इस वजह से भी वे छिदंवाड़ा मंडी में अनाज बेचने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इनका कहना है मंडी में इस समय आवक अचानक बढ़ी है। छिंदवाड़ा के अलावा, अमरवाड़ा, चौरई के साथ आसपास के जिलों के किसान भी छिंदवाड़ा मंडी अनाज लेकर आ रहे हैं। बुधवार को हमने निश्चित मात्रा में ही अनाज की आवक ली। परिसर से अनाज का परिवहन जल्दी हो इसकी व्यवस्थाएं बनाई जा रही है। मनोज चौकीकर, सचिव कृषि उपज मंडी छिंदवाड़ा ईएमएस / 17/12/2025