राज्य
17-Dec-2025
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इंदौर (ईएमएस)। कैंसर और लकवा जैसी असाध्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के जीवन को सुगम बनाने के लिए इंदौर में एक अनूठी पहल की गई है। भारत सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन जन स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कारुण्य प्रोजेक्ट का आगाज हुआ है। इस परियोजना के माध्यम से अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर के विशेषज्ञ डॉक्टर गंभीर मरीजों को उनके घर पर ही इलाज और पेलिएटिव केयर (उपशामक देखभाल) की सुविधाएं प्रदान करेंगे। :: डॉक्टरों को मिला केयर का नया मंत्र :: इस मिशन को धरातल पर उतारने के लिए बुधवार को शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय में 55 आयुष डॉक्टरों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. अजीत पाल सिंह चौहान और विशेष अतिथि जिला आयुष अधिकारी डॉ. हंसा बारिया उपस्थित रहे। प्रशिक्षण के दौरान विषय विशेषज्ञों - डॉ. श्वेता वर्मा, डॉ. नीरज कानूनगो, डॉ. अजीत ओझा और डॉ. अनुराग भट्ट ने पेलिएटिव केयर की बारीकियों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कैसे दवाओं के साथ-साथ सहानुभूति और सही देखभाल के जरिए एक मरणासन्न या अत्यंत गंभीर मरीज के कष्टों को कम किया जा सकता है। :: क्या है कारुण्य प्रोजेक्ट का लक्ष्य? प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी और शल्य तंत्र विभागाध्यक्ष डॉ. अखिलेश भार्गव ने बताया कि कारुण्य प्रोजेक्ट का मूल उद्देश्य आयुष चिकित्सा पद्धति को हर उस घर तक पहुँचाना है, जहाँ कोई मरीज गंभीर बीमारी से लड़ रहा है। - घर-घर उपचार : मरीजों को अस्पताल तक आने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। - जीवन की सुगमता : पेलिएटिव केयर का लक्ष्य बीमारी को जड़ से मिटाने के साथ-साथ मरीज के दर्द और मानसिक तनाव को कम करना है। - जागरूकता अभियान : चिकित्सा के साथ-साथ रोगों के प्रति जागरूकता भी फैलाई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी बीमारियों के प्रसार को रोका जा सके। कार्यक्रम के अंत में डॉ. शेखर पटेल द्वारा सभी अतिथियों और संभागियों का आभार व्यक्त किया गया। प्रकाश/17 दिसम्बर 2025