ज़रा हटके
19-Dec-2025
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-यह 1.8 खगोलीय इकाई की दूरी तक आएगा फिर वापस चला जाएगा, इससे खतरा नहीं वाशिंगटन,(ईएमएस)। इन दिनों वैज्ञानिकों की नजरें अंतरिक्ष के दुर्लभ और रहस्यमय मेहमान पर टिकी हैं, जो सौरमंडल के बाहर से आया है और अब पृथ्वी के करीब पहुंचने वाला है। इस इंटरस्टेलर धूमकेतु का नाम 3आई/एटल्स है, जो शुक्रवार 19 दिसंबर को पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरेगा। यह घटना इसलिए खास है क्योंकि ऐसा धूमकेतु किसी दूसरे तारा मंडल में बना होता है, कुछ समय के लिए हमारे सौरमंडल में प्रवेश करता है और फिर वापस अंतरिक्ष की गहराइयों में चला जाता है। इसी वजह से वैज्ञानिक इसे ‘एलियन मेहमान’ भी कह रहे हैं। 3आई/एटल्स की खोज 1 जुलाई को चिली में स्थित नासा द्वारा फंड किए गए एटल्स टेलीस्कोप से की गई थी। यह अब तक तीसरा इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है। इससे पहले 2017 में 1आई/ओउमुआमुआ और 2019 में कॉमेट 2आई/बोरिसोव ने वैज्ञानिकों को चौंकाया था। 3आई/एटल्स की गति और कक्षा का अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह हमारे सौरमंडल का नहीं है, बल्कि किसी अन्य तारे के आसपास बना और अब संयोगवश हमारे क्षेत्र से होकर गुजर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पृथ्वी की सुरक्षा को लेकर लोगों के मन में उठने वाले सवालों पर यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने साफ कहा है कि यह धूमकेतु किसी भी तरह का खतरा नहीं है। 3आई/एटल्स पृथ्वी से करीब 1.8 खगोलीय इकाई की दूरी तक ही आएगा, जो करीब 27 करोड़ किलोमीटर है। यह दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच की औसत दूरी से भी दोगुनी है, इसलिए इसके टकराने या नुकसान पहुंचाने की कोई आशंका नहीं है। हालांकि खतरा न होने के बावजूद यह धूमकेतु वैज्ञानिकों के लिए एक अनमोल अवसर लेकर आया है। बताया जा रहा है कि जब 3आई/एटल्स सूर्य के पास से गुजरेगा, तो उसकी बर्फीली सतह गर्म होगी और उससे गैस व धूल के कण बाहर निकलेंगे। इन कणों के विश्लेषण से वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश करेंगे कि दूसरे तारों के आसपास धूमकेतु कैसे बनते हैं और ग्रहों की शुरुआती सामग्री कैसी होती है। इस दुर्लभ घटना पर न सिर्फ नासा, बल्कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां भी नजर रख रही हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि 3आई/एटल्स जैसे पिंड हमें यह समझने में मदद करते हैं कि हमारा सौरमंडल ब्रह्मांड के बाकी हिस्सों से किस तरह जुड़ा हुआ है और अंतरिक्ष में जीवन की संभावनाओं को लेकर नई सोच को जन्म देते हैं। सिराज/ईएमएस 19 दिसंबर 2025