बीजिंग (ईएमएस)। चीन के झेजियांग प्रांत के वेनझोउ शहर की नेबरहुड कमेटी के एक ऑफिस में ऐसा फर्जीवाड़ा सामने आया, जिसने पूरे देश में डिजिटल सुरक्षा, ईमानदारी और वर्क-कल्चर पर तीखी बहस छेड़ दी है। मामला तब उजागर हुआ जब ली नाम के एक स्थानीय निवासी ने अधिकारियों को जानकारी दी कि ऑफिस के कई कर्मचारी फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम को चकमा दे रहे हैं। आरोप है कि कर्मचारियों ने अपने सहकर्मियों के चेहरों की हाई-क्वालिटी तस्वीरें प्रिंट करवाईं और उन्हें मास्क की शक्ल दे दी। इन नकली चेहरों को पहनकर वे अटेंडेंस मशीन के सामने खड़े हो जाते थे और एक-दूसरे की जगह हाजिरी दर्ज कर देते थे। इसका नतीजा यह हुआ कि कुछ कर्मचारी ऑफिस आए बिना ही अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे थे और आराम से सैलरी का फायदा उठा रहे थे। यह चाल इतनी शातिर थी कि अगर अटेंडेंस मशीन के ऊपर लगे सर्विलांस कैमरे में पूरी गतिविधि रिकॉर्ड न होती, तो शायद यह फर्जीवाड़ा लंबे समय तक पकड़ में ही नहीं आता। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इसमें कुल कितने कर्मचारी शामिल थे या शिकायतकर्ता को यह फुटेज कहां से मिली। हालांकि वीडियो सामने आते ही यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। चीन में नेबरहुड कमेटी स्थानीय प्रशासन की सबसे निचली इकाई मानी जाती है। यहां काम करने वाले लोग तकनीकी रूप से सरकारी कर्मचारी नहीं होते, लेकिन उन्हें सरकारी भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं। ऐसे में अटेंडेंस सिस्टम से इस तरह की छेड़छाड़ को कई यूजर्स ने सीधे तौर पर भ्रष्टाचार बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। एक यूजर ने लिखा कि जहां कई लोग 996 वर्क कल्चर यानी सुबह 9 से रात 9 बजे तक, हफ्ते में छह दिन काम करके थक जाते हैं, वहीं कुछ लोग इस तरह सिस्टम को धोखा देकर आराम से वेतन ले रहे हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने कर्मचारियों के पक्ष में तर्क भी दिए। उनका कहना है कि नेबरहुड कमेटी के कर्मचारी अक्सर फील्ड में काम करते हैं, समुदायों का दौरा करते हैं, ऐसे में सिर्फ ऑफिस-बेस्ड फेस रिकॉग्निशन सिस्टम उनके काम की प्रकृति के अनुरूप नहीं है। यह मामला अक्टूबर में सामने आया था और सरकार ने 31 दिसंबर तक आधिकारिक जवाब देने का वादा किया है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि फेशियल रिकॉग्निशन जैसी आधुनिक तकनीकें इतनी आसानी से कैसे धोखा खा जाती हैं। दरअसल, 2022 में एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि कम गुणवत्ता वाले फेस रिकॉग्निशन सिस्टम को सस्ते प्रिंटेड मास्क से भी बेवकूफ बनाया जा सकता है। वेनझोउ की यह घटना उसी कमजोरी का ताजा उदाहरण बनकर सामने आई है। सुदामा/ईएमएस 19 दिसंबर 2025