ज़रा हटके
19-Dec-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। कई बार व्यक्ति सामान्य वजन का होता है, लेकिन अंदर से बहुत अस्वस्थ होता है। सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि कैसे पता लगाया जाए कि शरीर में विसरल फैट कितना जमा है और शरीर असल में कितना हेल्दी है? न्यूट्रीशनिस्ट की माने तो सोशल प्लेटफॉर्म पर एक बेहद आसान और कारगर तरीका साझा किया है, जिसे कोई भी व्यक्ति घर बैठे केवल 10 सेकेंड में कर सकता है। इसके लिए सिर्फ एक इंच टेप की ज़रूरत होती है। उन्होंने बताया कि पहले नाभि के स्तर पर अपनी कमर का नाप लें, उसके बाद अपनी हाइट मापें। अब दोनों को तुलना करें। यदि आपकी कमर का नाप आपकी हाइट के आधा या उससे कम है, तो आप हेल्दी कैटेगरी में आते हैं और आपके शरीर में विसरल फैट का स्तर सामान्य माना जाएगा। लेकिन यदि कमर का साइज आपकी हाइट के आधे से अधिक है, तो यह संकेत है कि आपके शरीर में विसरल फैट बढ़ा हुआ है और आपको सावधान हो जाना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, कमर का साइज बढ़ा होना केवल मोटापे का संकेत नहीं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का अलार्म भी है। इससे डायबिटीज, हार्ट डिजीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, फैटी लिवर, मसल वीकनेस और लंबी अवधि में मेटाबॉलिक डैमेज जैसी समस्याओं का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। न्यूट्रीशनिस्ट लीमा कहती हैं कि विसरल फैट भले ही खतरनाक हो, लेकिन यह जिद्दी नहीं है और थोड़े से प्रयास से इसे कम किया जा सकता है। इसके लिए दैनिक जीवन में प्रोटीन और फाइबर युक्त डाइट, फर्मेंटेड फूड्स, एरोबिक एक्सरसाइज, कार्डियो, नियमित वॉक, सप्ताह में दो से तीन बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस का नियंत्रण बेहद जरूरी है। उनका मानना है कि असली फिटनेस केवल बॉडी शेप नहीं, बल्कि अंदरूनी स्वास्थ्य है और इसे समझने तथा सुधारने के लिए जागरूक होना सबसे जरूरी कदम है। बहुत से लोग पतले, फिट और स्वस्थ दिखाई देते हैं, लेकिन अंदर से उनकी बॉडी कई गंभीर समस्याओं से जूझ रही होती है। शरीर के भीतर जमा होने वाला विसरल फैट इसका सबसे बड़ा कारण हो सकता है, जो शरीर के बाहरी हिस्से पर दिखाई नहीं देता, लेकिन अंदरूनी अंगों को तेज़ी से नुकसान पहुंचाता है। यह चर्बी पेट के भीतर जमा होती है और किडनी, लिवर, आंत तथा अन्य महत्वपूर्ण ऑर्गन्स के आसपास अपना ठिकाना बना लेती है। इस फैट की मौजूदगी से ब्लड प्रेशर बढ़ना, कोलेस्ट्रॉल का असंतुलित होना, हार्ट डिजीज का खतरा, इंसुलिन रेजिस्टेंस, इन्फ्लेमेशन, हार्मोनल असंतुलन और इन्फर्टिलिटी जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं जन्म ले सकती हैं। सुदामा/ईएमएस 19 दिसंबर 2025