राष्ट्रीय
19-Dec-2025
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-हाईकोर्ट ने लोकपाल का आदेश किया रद्द नई दिल्ली,(ईएमएस)। संसद में सवाल पूछने के बदले नकदी लेने के मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी कानूनी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने भारत के लोकपाल के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति दी गई थी। अदालत के इस फैसले को मोइत्रा के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर शामिल थे, ने महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। इससे पहले कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। महुआ मोइत्रा ने लोकपाल के 12 नवंबर के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें सीबीआई को उनके खिलाफ जांच और आगे की कार्रवाई की अनुमति दी गई थी। सुनवाई के दौरान महुआ मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता निधेश गुप्ता ने दलील दी कि लोकपाल ने लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम, 2013 में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। उनका कहना था कि अधिनियम की धारा 20(7) के तहत लोकपाल को किसी भी लोकसेवक के खिलाफ कार्रवाई से पहले उसका पक्ष जानना अनिवार्य है। हालांकि महुआ मोइत्रा से लिखित जवाब मांगा गया था, लेकिन उनके अनुसार लोकपाल ने उनके जवाबों पर समुचित विचार किए बिना ही सीबीआई को आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति दे दी। मामले की पृष्ठभूमि में आरोप है कि महुआ मोइत्रा ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। दुबे का दावा था कि ये आरोप उन्हें वकील जयअनंत देहादराई से प्राप्त सबूतों के आधार पर लगे हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनियों के हित में संसद में सवाल उठाए। भाजपा सांसद का यह भी दावा था कि महुआ मोइत्रा द्वारा पूछे गए 61 सवालों में से करीब 50 सवाल सीधे तौर पर हीरानंदानी समूह को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से थे। दूसरी ओर, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने लोकपाल के आदेश का बचाव करते हुए कहा था कि आरोपी को मौखिक सुनवाई का कोई अधिकार नहीं है और महुआ मोइत्रा को लिखित टिप्पणी देने का पूरा अवसर दिया गया था। हाईकोर्ट के ताजा फैसले से फिलहाल महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई पर विराम लग गया है। हिदायत/ईएमएस 19दिसंबर25