ज़रा हटके
21-Dec-2025
...


कैलिफोर्निया (ईएमएस)। हाल ही में अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास मॉन्टेरी बे में समुद्र की सतह से करीब आधा मील नीचे, अंधेरे और रहस्यमय पानी में एक बेहद दुर्लभ ऑक्टोपस कैमरे में कैद हुआ है। खास बात यह है कि इंसानों ने इस प्रजाति को पिछले 40 वर्षों में सिर्फ चार बार ही देखा है। इसका वीडियो सामने आने के बाद समुद्री जीवविज्ञान की दुनिया में उत्सुकता और रोमांच दोनों बढ़ गए हैं। इस अनोखे जीव का वैज्ञानिक नाम हालीफोरॉन अटलांटिकस है, जिसे आमतौर पर ‘सेवन-आर्म ऑक्टोपस’ कहा जाता है। नाम से भले ही लगे कि इसके केवल सात हाथ होते हैं, लेकिन हकीकत में इसके आठ हाथ होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार नर ऑक्टोपस का आठवां हाथ प्रजनन के लिए इस्तेमाल होता है और वह इसे अक्सर छिपाकर रखता है। इसी कारण यह देखने में सात हाथों वाला प्रतीत होता है। अपने अजीब स्वरूप और विशाल आकार के कारण यह ऑक्टोपस सामान्य प्रजातियों से बिल्कुल अलग नजर आता है। यह दुर्लभ नजारा मॉन्टेरी बे एक्वेरियम रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने 6 नवंबर को रिकॉर्ड किया। इसके लिए रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल यानी आरओवी का इस्तेमाल किया गया, जो गहरे समुद्र में जाकर वीडियो और तस्वीरें कैद करता है। यह ऑक्टोपस करीब 700 मीटर की गहराई पर देखा गया, जिसे समुद्र की ‘ट्वाइलाइट जोन’ कहा जाता है। यह ऐसा इलाका है जहां सूरज की रोशनी लगभग नहीं पहुंचती और जीवन बेहद रहस्यमय होता है। वीडियो में यह विशाल ऑक्टोपस एक रेड हेलमेट जेलीफिश को पकड़े हुए नजर आया। यह जेलीफिश खुद भी एक बायोल्यूमिनेसेंट जीव है, जो अंधेरे में रोशनी पैदा कर सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इससे पहले जब भी इस ऑक्टोपस को देखा गया, तब भी यह इसी तरह के नरम और जिलेटिनस जीवों को खाते हुए पाया गया था। इससे यह पुष्टि होती है कि इतना विशालकाय होने के बावजूद यह प्रजाति हल्के, जेल जैसी संरचना वाले जीवों पर ही निर्भर करती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस प्रजाति की मादा खास तौर पर बेहद बड़ी होती है। इसकी लंबाई 13 फीट तक हो सकती है और वजन करीब 75 किलो तक पहुंच सकता है। आकार के लिहाज से यह दुनिया के सबसे बड़े ऑक्टोपस में गिनी जाती है। इतने बड़े शरीर के बावजूद इसका भोजन हल्का होना वैज्ञानिकों के लिए आज भी आश्चर्य का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस दुर्लभ ऑक्टोपस का दिखना इस बात का संकेत है कि गहरे समुद्र में अब भी अनगिनत रहस्य छिपे हैं। सुदामा/ईएमएस 21 दिसंबर 2025