मुंबई (ईएमएस)। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पैरानॉर्मल थ्रिलर सीरीज़ ‘भय: द गौरव तिवारी मिस्ट्री’ ने अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है। करण टैकर की यह सीरीज ने ऑरमैक्स मीडिया द्वारा जारी ताज़ा व्यूअरशिप आंकड़ों के अनुसार बीते हफ्ते की सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली ओरिजिनल फिक्शन सीरीज़ बन गई है। अमेज़न एमएक्स प्लेयर पर स्ट्रीम हो रही इस सीरीज़ को करीब 11 लाख दर्शकों ने देखा, जिससे यह सीधे टॉप रैंक पर पहुंच गई। सीमित प्रमोशन और बिना किसी बड़े शोर-शराबे के मिली यह कामयाबी कंटेंट की ताकत को साफ तौर पर दर्शाती है। ‘भय’ को एक एटमॉस्फेरिक पैरानॉर्मल थ्रिलर के रूप में पेश किया गया है, जहां डर को अचानक झटकों या चीख-पुकार के जरिए नहीं, बल्कि धीरे-धीरे बढ़ते तनाव और रहस्यमयी माहौल के माध्यम से रचा गया है। कहानी में जांच-पड़ताल की गंभीरता और मनोवैज्ञानिक दबाव का संतुलित मेल देखने को मिलता है। यह सीरीज़ पारंपरिक हॉरर क्लिशे से दूर रहते हुए यथार्थ के करीब बनी रहती है, जो इसे भीड़ से अलग पहचान दिलाती है। स्लो-बर्न सुपरनैचुरल कहानियों को पसंद करने वाले दर्शकों ने इसे खासा सराहा है। इस सफलता की सबसे बड़ी वजह करण टैकर का अभिनय माना जा रहा है। उन्होंने वास्तविक जीवन के पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर गौरव तिवारी के किरदार को बेहद संयम, संवेदनशीलता और सच्चाई के साथ निभाया है। आलोचकों और दर्शकों दोनों ने उनके परफॉर्मेंस की गहराई की तारीफ की है। करण टैकर पहले भी ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ और ‘स्पेशल ऑप्स’ जैसी सीरीज़ में अपनी मजबूत छाप छोड़ चुके हैं, और अब ‘भय’ के साथ उन्होंने ओटीटी स्पेस में अपनी स्थिति और पुख्ता कर ली है। शो को मिल रही प्रतिक्रिया पर करण टैकर ने कहा कि दर्शकों ने इस सीरीज़ को खुद खोजा, और यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती है। उनका मानना है कि ‘भय’ को ईमानदार और इमर्सिव बनाने की कोशिश की गई थी, और दर्शकों को यह महसूस होना उनके लिए सुकून की बात है। वहीं निर्देशक रॉबी ग्रेवाल के अनुसार, शुरुआत से ही शो की नींव जांच और भावनात्मक सच्चाई पर रखी गई थी। करण की गहरी तैयारी और किरदार में डूबने की क्षमता ने कहानी को ज़मीन से जोड़े रखा। सुदामा/ईएमएस 21 दिसंबर 2025