- 50 हजार के बदले 14 साल की बेटी का सौदा! इनकार पर कुल्हाड़ी-फरसे से कत्लेआम सिंगवासा में भिड़े दो पक्ष, दोनों पक्षों से आधा दर्जन से अध्किा घायल, अस्पताल में चीख-पुकार गुना (ईएमएस)| शहर के कैंट थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिंगवासा में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात जो कुछ भी हुआ, उसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। उधारी के महज 50 हजार रुपयों के बदले एक 14 साल की मासूम बच्ची को बलि का बकरा बनाने की कोशिश की गई। जब पिता ने अपनी कलेजे के टुकड़े को बाल विवाह की आग में झोंकने से इनकार किया, तो पारदी परिवार के ही दूसरे पक्ष ने घर में घुसकर खूनी खेल खेला। कुल्हाड़ी, फरसे और चाकुओं से हुए इस भीषण हमले में दोनों पक्षों के 7 लोग लहूलुहान होकर जिला अस्पताल पहुंचे हैं। कर्ज बना अभिशाप, पैसे मत दो, बेटी दे दो इस बारे में पीडि़ता की छोटी मां नैनोद बाई ने बताया कि करीब दो साल पहले उन्होंने परम कौर के परिवार से 50 हजार रुपये उधार लिए थे। अब यही रकम मासूम बच्ची के लिए काल बन गई। आरोप है कि परम कौर का परिवार इस उधारी के बदले ममीद सिंह की 14 वर्षीय नाबालिग बेटी की शादी अपने बेटे अलमान कपूर से कराने का अमानवीय दबाव बना रहा था। जब ममीद सिंह ने बाल विवाह के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और पैसे लौटाने की बात कही, तो आरोपियों ने साफ कहा हमें पैसे वापस नहीं चाहिए, बस लडक़ी की शादी कर दो। सगाई के जश्न में घुला खून हिंसा की शुरुआत तब हुई जब नैनोद बाई के बेटे की सगाई का कार्यक्रम चल रहा था। घर में खुशियों का माहौल था, तभी परम कपूर के परिवार ने वहां पहुंचकर हंगामा खड़ा कर दिया। विवाद इतना बढ़ा कि रविवार तडक़े दोबारा हमला किया गया। पीडि़तों का आरोप है कि हमलावरों ने घर में मौजूद महिलाओं और 14 साल की बच्ची तक को नहीं बख्शा। कुल्हाड़ी और फरसे के वार से ममीद सिंह, नैनोद बाई और रस्ता कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। हैरत की बात यह है कि जब हमला हो रहा था, तब पीडि़तों ने डायल 112 को सूचना दी। पीडि़तों का आरोप है कि पुलिस मौके पर नहीं पहुंची और उन्हें खुद थाने आने को कह दिया गया। अगर समय रहते पुलिस गांव पहुँच जाती, तो शायद इतना खून नहीं बहता। रविवार सुबह जब स्थिति बेकाबू हुई, तब पुलिस ने हस्तक्षेप किया और घायलों को अस्पताल पहुँचाया। काउंटर केस की साजिश? वहीं दूसरे पक्ष का दावा है कि उन्होंने सगाई के नाम पर 1 लाख 70 हजार रुपये दिए थे और वे केवल बातचीत करने गए थे। इस पक्ष से तल्ली सिंह, गिलकेशना, नमस्कार बाई और अलमान कपूर घायल हैं। हालांकि, लडक़ी पक्ष का कहना है कि दूसरे पक्ष ने कानून की पकड़ से बचने के लिए खुद को चोटें पहुंचाई हैं ताकि मामला काउंटर केस में उलझ जाए और बाल विवाह का दबाव बनाने वाली बात दब जाए। फिलहाल, जिला अस्पताल के वार्डों में घायलों की चीखें गूँज रही हैं। पुलिस अब इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी है कि यह महज उधारी का विवाद है या इसके पीछे बाल विवाह की वह कुप्रथा है जिसे रोकने के लिए पिता ने अपनी जान की बाजी लगा दी।-सीताराम नाटानी