राष्ट्रीय
22-Dec-2025


लखनऊ,(ईएमएस)। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा मनरेगा के मुद्दे पर केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ जमकर हमला किया है। उनके आरोपों का मुख्य केंद्र करोड़ों जॉब कार्डों का रद्द होना और केंद्र द्वारा पेश किए गए नए वित्तीय बदलाव हैं। अखिलेश यादव ने दावा किया कि कई राज्यों में लाखों मनरेगा कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। उनके अनुसार, यह सरकार की गरीब विरोधी मानसिकता को दिखाता है। उनके द्वारा दिए गए आंकड़े इस प्रकार हैं: बिहार 1.04 करोड़, उत्तर प्रदेश 90.4 लाख, ओडिशा 41.6 लाख, मध्य प्रदेश 32.7 लाख, पश्चिम बंगाल 24.2 लाख, राजस्थान 10.5 लाख मनरेगा कार्ड रदद कर दिए गए है। हाल ही में सदन में पास हुए बिल वीबी-जी राम जी विधेयक की कड़ी आलोचना करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 का प्रस्तावित बंटवारा राज्य सरकारों पर भारी वित्तीय बोझ डालेगा। उनका मानना है कि इस बदलाव से केंद्र और राज्यों के बीच विवाद बढ़ेगा और फंड मिलने में देरी होगी, जिससे अंततः गरीब मजदूरों को नुकसान होगा। सपा प्रमुख ने केंद्र सरकार की नीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा के शासन में सकारात्मक चीजें (जैसे रोजगार और योजना का लाभ) घट रही हैं, जबकि नकारात्मक चीजें (महंगाई, भ्रष्टाचार और नफरत) बेलगाम बढ़ रही हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश जैसी सरकारें अपने आंकड़ों में हेराफेरी कर रही हैं ताकि अपनी विफलताओं को छिपा सकें। यह विवाद मुख्य रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ मनरेगा के भविष्य और उसकी फंडिंग को लेकर है। विपक्ष इसे गरीबों के अधिकारों पर हमला बता रहा है, जबकि प्रशासनिक दृष्टिकोण से अक्सर डुप्लीकेट कार्डों या आधार लिंकिंग न होने के कारण कार्ड रद्द किए जाते हैं। आशीष दुबे / 22 दिसंबर 2025