इन्दौर (ईएमएस) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इंदौर के कांग्रेस नेता विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री और उसके करीबी तरुण श्रीवास्तव के खिलाफ ईडी की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में चालान पेश किया है। ईडी ने गोलू के ठिकानों पर छापा मारने के बाद जांच शुरू की थी। इसमें पता चला था कि गोलू अग्निहोत्री ने ऑनलाइन सट्टेबाजी और डब्बा कारोबार से 404 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की है। ईडी को जांच में यह भी पता चला था कि इस नेटवर्क का मुख्य संचालक गोलू था, जबकि तरुण श्रीवास्तव उसकी मदद करता था। तरुण वित्तीय संचालन और फर्जी खातों को संभालता था। नेटवर्क में श्रीनिवासन रामासामी ने फर्जी ट्रेडिंग और एमटी 5 सर्वरों को कॉन्फिगर किया था। वहीं सट्टेबाजी के नेटवर्क में धवल देवराज जैन ने भूमिगत प्लेटफॉर्म LotusBook247 का संचालन किया था।धर्मेश रजनीकांत त्रिवेदी ने ऑफशोर इकाई iBull Capital का प्रबंधन किया, जबकि निधि चंदनानी ने दुबई स्थित संरचनाओं के माध्यम से कैश फ्लो और हेर-फेर में सहायता की थी। ईडी की जांच में यह बात भी सामने आई थी कि ग्राहकों को V Money और 8Stock Height जैसे प्लेटफॉर्म पर नकली ट्रेड दिखाए गए थे ये ट्रेड किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज से नहीं किए गए थे। वहीं LotusBook247 और 11Starss जैसे सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म गुमनाम खातों और एन्क्रिप्टेड संचार के जरिए संचालित किए जा रहे थे। जांच में 404.46 करोड़ रुपए की आपराधिक आय का पता चला था। ईडी ने दिसंबर 2024 में इंदौर में गोलू के ठिकानो पर छापे मारे थे।इसके बाद 9 जनवरी 2025 को लसूड़िया थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।इसी छापे और एफआईआर के आधार पर मुंबई में कार्रवाई की गई। जांच में सामने आया था कि अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म व्हाइट-लेबल एप के जरिए संचालित किए जा रहे थे, जिनमें प्रॉफिट में हिस्सेदारी दी जाती थी। ईडी के अनुसार, गोलू वी मनी और 11 स्टार्स एप के जरिए लाभ कमाने वालों में शामिल था। उसने LotusBook सट्टा प्लेटफॉर्म के एडमिन अधिकार 5 प्रतिशत लाभ के आधार पर हासिल किए थे। बाद में गोलू अग्निहोत्री ने ये एडमिन अधिकार धवल देवराज जैन को ट्रांसफर कर दिए इसमें गोलू ने अपने पास 0.125 प्रतिशत और जैन को 4.875 प्रतिशत हिस्सेदारी दी। इसके बाद जैन ने अपने साथी जॉन स्टेट्स उर्फ पांडे के साथ एक व्हाइट-लेबल प्लेटफॉर्म तैयार किया , जिसे गोलू को 11 स्टार्स संचालन के लिए दिया गया।ईडी ने 34.26 करोड़ रुपए की संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की थीं। इसमें 28.60 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां, 3.83 करोड़ रुपए की चल संपत्तियां, 1.83 करोड़ रुपए बैंक और डीमैट खातों में शामिल थे। आनन्द पुरोहित/ 23 दिसंबर 2025