रायपुर (ईएमएस)। भाजपा अपने राजनैतिक हितों के लिए धर्मांतरण करवाती है, फिर हल्ला मचाती है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी धर्मांतरण और सांप्रदायिकता पर सिर्फ राजनीति करना चाहती है। वह नही चाहती इस समस्या का कोई ठोस निदान हो। कांग्रेस पार्टी, भाजपा सरकार को चुनौती देती है वह धर्मातरण को लेकर विशेष तौर पर छत्तीसगढ़ में धर्मातरण को लेकर श्वेत पत्र जारी करें। भारतीय जनता पार्टी की रमन सरकार में कितने चर्च बने थे और कांग्रेस के भूपेश बघेल सरकार के दौरान कितने चर्च बने थे, स्थितियों स्पष्ट हो जायेंगी। भारतीय जनता पार्टी की जब-जब प्रदेश में सरकार रहती है वे स्वयं धर्मातरण को बढ़ावा देती है ताकि इस मुद्दे पर बयानबाजी करके मतों का ध्रुवीकरण कर सके। भारतीय जनता पार्टी को हिन्दुत्व से, सनातन से कोई मतलब नहीं है। वो अपनी राजनीति करने के उद्देश्य से इस प्रकार की चीजों को प्रचारित प्रसारित करती है। छत्तीसगढ़ में भी धर्मांतरण की जो बातें उसके पीछे भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार है। श्री शुक्ला ने कहा कि जबरन धर्मांतरण को सुप्रीम कोर्ट ने देश के लिये बड़ी समस्या बताया था, तथा कानून बनाने के लिये केन्द्र से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद केन्द्र में बैठी मोदी सरकार का यह कर्तव्य बन जाता है कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ वह पूरे देश में एक कठोर कानून बनाये। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को एक साल से अधिक हो गया, लेकिन मोदी सरकार इस पर मौन है। भारतीय जनता पार्टी धर्मांतरण को लेकर देशभर में अफवाह फैलाने और राजनीति करने का काम करती है। जब इस मामले में ठोस पहल करने या कानून बनाने की बात आती है तब भाजपा की नीयत में खोट साफ नजर आता है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण भाजपा के लिये राजनैतिक हथियार, वह निदान नहीं चाहती। छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने अपनी पहली बैठक में ही वह दावा किया था कि नया “धर्म स्वातंत्र विधेयक” का ड्राफ्ट तैयार है, 60 दिन के भीतर लागू हो जायेगा, लेकिन 2 साल बीतने के बाद आज तक मौन है। राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है प्रदेश के शहरी एवं मैदानी क्षेत्रों में भी धर्मांतरण की घटनायें बढ़ गयी है। भाजपा खुद धर्मांतरण को बढ़ावा देती है फिर वर्ग संघर्ष करवाती है विपक्ष में रहते हुये धर्मांतरण के नाम पर फसाद करने वाले भाजपाई पिछले दो साल से प्रदेश में होने वाली धर्मांतरण की घटनाओं पर चुप्पी साध लिये है। यही नहीं खबरें तो यह भी आ रही है कि धर्मांतरण कराने वालों को सत्तारूढ़ दल का संरक्षण मिला हुआ है। जशपुर, बस्तर में धर्मांतरण की घटनाओं के बाद भाजपा की खामोशी इस बात का प्रमाण है कि इन घटनाओं को उसका समर्थन है। सत्यप्रकाश/चंद्राकर/25 दिसम्बर 2025