वाराणसी (ईएमएस) । चन्द्रयान मिशन की सफलता हो, या प्रयागराज में माघ मेले के परिप्रेक्ष्य में जैविक खेती, महामना की आकृति हो या पुष्पों से तैयार मंडप, मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी एक बार फिर तमाम विषेषताओं के साथ जनसामान्य को आकर्षित कर रही है। कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने बृहस्पतिवार को मालवीय भवन परिसर में पुष्प प्रदर्शनी 2025 का उद्घाटन किया। यह वार्षिक प्रदर्शनी वाराणसी समेत आस पास के जनपदों से भी सैकड़ों प्रदर्शकों को प्रतिभागिता का अवसर देती है। प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद कुलपति ने विविध कलाकृतियों व स्टॉल का अवलोकन किया। कुलपति ने सुंदर पुष्पाकृतियों की प्रशंसा की तथा उद्यान विशेषज्ञ इकाई के पदाधिकारियों और कर्मचारियों को शुभकामनाएं प्रेषित कीं। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, पुष्प प्रदर्शनी के सचिव तथा उद्यान विशेषज्ञ इकाई के आचार्य प्रभारी प्रो. सरफराज़ आलम, उद्यान विशेषज्ञ इकाई के सह-समन्वयक डॉ. कल्याण बर्मन, छात्र अधिष्ठाता प्रो. रंजन कुमार सिंह, कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. यू. पी. सिंह, चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस. एन. संखवार, मुख्य आरक्षाधिकारी प्रो. संदीप पोखरिया, मालवीय भवन के मानित निदेशक प्रो. पतंजलि मिश्रा, संकायों के प्रमुख, वरिष्ठ पदाधिकारीगण, शिक्षक एवं वरिष्ठ अधिकारी (उद्यान) अश्विनी कुमार देशवाल समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। प्रो० सरफराज आलम, सचिव, पुष्प प्रदर्शनी ने प्रदशों के बारे में विस्तार से बताया कि प्रदर्शनी में मुख्य रूप से गुलदावदी के गमलें एवं फूलों के संग्रह, कोलियस, विभिन्न प्रकार के शोभाकारी पौधें एवं रंगीन पत्तियों के समूह लगाये गये थे। गुलदावदी के कटे फूल, गुलाब के कटे फूल, जरबेरा, कार्नेशन, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, गेंदा, गुलाब आदि पुष्पों के गमलें, गुलदावदी के रिफ्लैक्स्ड, इनकर्वड, इनकर्निंग, स्पाइडर, पोममैन, स्पून, एनिमोन आदि प्रारूपो में प्रदर्शित किये गये थे साथ ही विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियां, कलात्मक पुष्प सज्जा, मण्डप, विश्वविद्यालय मुख्यद्वार का प्रारूप, पुष्पों से सुसज्जित मिशन चंद्रयान एवं कलश तथा रंगोली, पोमैटो, ब्रिमैटो, सुकर्तन कला (टॉपियरी), बोनसाई और हरी पत्तियों के संग्रह, मालवीय जी पर आधारित वास्तुकला के नमूने, मानव पंक्षी एवं जल प्रपात आदि मुख्य रूप से आकर्षण के केन्द्र रहें। प्रदर्शनी में गुलाब के निम्नलिखित चर्चित फूल रहे।किंग आफ द शो - फ्रीडम,क्वीन आफ द शो - टॉप सिक्रेट,प्रिंस आफ द शो - हॉट सॉफ्ट,प्रिंसेस आफ द शो - पिच एवलांच प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के अन्य विभाग / छात्रावास / उद्यानों के साथ-साथ वाराणसी जनपद की विभिन्न संस्थाएं, 39 जी.टी.सी. छावनी परिषद, वाराणसी विकास प्राधिकरण, उप-निदेशक उद्यान वाराणसी, जिला उद्यान अधिकारी वाराणसी, मीरजापुर एवं चन्दौली, बनारस रेल कारखाना, वाराणसी, केन्द्रीय कारागार, वाराणसी, पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी, जिला कारागार, वाराणसी, धीरेन्द्र कन्या महाविद्यालय, विन्ध्य गुरुकुल कालेज, मीरजापुर, स्थानीय नर्सरी, होटल तथा नागरिकों द्वारा प्रतिवर्श की भांति इस वर्ष भी भाग लिया गया। प्रदर्शनी की मुख्य विशेषता जैविक रूप से गमलों से उगायी गई सब्ज़ियां, औषधीय पौधे, व मसाले इत्यादि रहे। इसके अलावा सर्वविद्या की राजधानी में ज्ञान, ध्यान, अध्यात्म द्वारा जनमानस को प्रभावित करने का सरल प्रयास उद्यान विशेषज्ञ इकाई द्वारा किया गया है। भारी उत्साह को देखते हुए जनसाधारण की गणना के लिए फेशियल रिकॉगनिशन सिस्टम लगाया गया है, जिसने केवल दो घंटे के भीतर ही 8 हज़ार 7 सौ लोगों द्वारा प्रदर्शनी के अवलोकन को दर्ज किया। दर्शकों द्वारा प्रदर्शनी के क्रमबद्ध व सुचारू अवलोकन हेतु मुख्य आरक्षाधिकारी कार्यालय तथा सफाई एवं सहायक सेवाएं इकाइ द्वारा विशेष प्रयास किये गए हैं। पुष्प प्रदर्शनी में कुल 167 प्रतिभागी (व्यक्तिगत/संस्थागत) भाग ले रहे हैं, जो विभिन्न समूहों में लगभग 2500 प्रदर्शों को प्रदर्शित कर रहे हैं। प्रदर्शनी 27.12.2025 सायंकाल 6 बजे तक जनमानस के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी के उद्घाटन से पूर्व कुलपति जी और विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। डॉ नरसिंह राम/25 दिसंबर2025