राज्य
25-Dec-2025


सुशासन दिवस पर पुलिस का बड़ा नवाचार; 1 लाख रू. से अधिक की धोखाधड़ी पर अब देश में कहीं से भी दर्ज होगी तत्काल एफआईआर इंदौर (ईएमएस)। मध्यप्रदेश पुलिस ने सुशासन दिवस के गरिमामयी अवसर पर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था में एक क्रांतिकारी तकनीकी हस्तक्षेप करते हुए ई-जीरो एफआईआर प्रणाली का आधिकारिक शुभारंभ किया है। डिजिटल इंडिया और सायबर सुरक्षित भारत के संकल्प को नई ऊंचाई देते हुए यह व्यवस्था विशेष रूप से 1 लाख रूपये से अधिक की सायबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में त्वरित कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करेगी। :: क्षेत्राधिकार की बाधाएं समाप्त, पीड़ित को मिली प्राथमिकता :: अबतक सायबर अपराधों में सबसे बड़ी चुनौती घटनास्थल और पुलिस थाने के क्षेत्राधिकार को लेकर होती थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार लागू की गई इस नई व्यवस्था के तहत, अब कोई भी पीड़ित देश के किसी भी कोने से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा। नए आपराधिक कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 173 के तहत इसे कानूनी सुरक्षा प्रदान की गई है, जिसका मूल मंत्र दंड के स्थान पर त्वरित न्याय है। :: गोल्डन ऑवर की सुरक्षा और तकनीकी एकीकरण :: मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा और एडीजी ए. साई मनोहर के नेतृत्व में तैयार यह प्रणाली तीन प्रमुख डिजिटल स्तंभों पर टिकी है: NCRP : नेशनल सायबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल I4C : भारतीय सायबर अपराध समन्वय केंद्र CCTNS : क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम सायबर विशेषज्ञों के अनुसार, ठगी के बाद के शुरुआती दो घंटे यानी गोल्डन ऑवर में यदि एफआईआर दर्ज हो जाए, तो बैंकिंग गेटवे को तत्काल सक्रिय कर अपराधियों के खातों में राशि फ्रीज की जा सकती है। ई-जीरो एफआईआर इसी प्रक्रिया को गति प्रदान करती है। :: पंजीकरण की 5-चरणीय पारदर्शी प्रक्रिया :: इस प्रणाली को पांच सुव्यवस्थित चरणों में विभाजित किया गया है, जो जांच की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं: त्वरित रिस्पॉन्स : 1930 हेल्पलाइन या पोर्टल पर शिकायत दर्ज होते ही डेटा सीधे भोपाल स्थित केंद्रीय सायबर हब को हस्तांतरित होगा। ऑटो-जेनरेशन : CCTNS सर्वर स्वतः शिकायत को ई-जीरो एफआईआर में बदलकर पीड़ित को तत्काल नंबर आवंटित कर देगा। स्मार्ट मैपिंग : राज्य स्तरीय सायबर पुलिस द्वारा समीक्षा के बाद प्रकरण को संबंधित क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन को डिजिटल रूप से भेजा जाएगा। कानूनी पुष्टि : प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए शिकायतकर्ता को 3 दिनों के भीतर नजदीकी थाने में इसकी पुष्टि करनी होगी। :: मुख्यमंत्री का विजन: सायबर स्वच्छता ही जन-आंदोलन :: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पहल को राज्य की सायबर संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश ने स्वच्छता में राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किए हैं, उसी प्रकार सायबर स्वच्छता के माध्यम से जनता की गाढ़ी कमाई को सुरक्षित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। :: आम नागरिकों के लिए सशक्त कवच :: यह प्रणाली न केवल एफआईआर की प्रक्रिया को सरल बनाती है, बल्कि पीड़ितों को ऑनलाइन केस स्टेटस देखने और सीधे पोर्टल पर डिजिटल साक्ष्य (स्क्रीनशॉट, रसीदें) अपलोड करने की सुविधा भी देती है। इससे विवेचना अधिकारियों के पास तत्काल साक्ष्य उपलब्ध होंगे, जिससे अपराधियों की धरपकड़ और दोषसिद्धि की संभावना प्रबल होगी। यह पहल मध्यप्रदेश पुलिस को अपराधियों से एक कदम आगे रखने की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है। प्रकाश/25 दिसम्बर 2025