- बैलगाड़ी चलाई, मक्का काटी, गाय का दूध दुहा और किसानों को रासायनिक खेती छोड़ने का किया आह्वान राजकोट (ईएमएस)| राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राजकोट जिले के दौरे के दौरान गोंडल तालुका के लुणीवाव गांव में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के सामान्य कक्ष में रात्रि विश्राम किया। खेती, गाय और ग्रामीण संस्कृति के महत्व को रेखांकित करते हुए राज्यपाल आज तड़के प्राकृतिक खेती करने वाले किसान पंकज मारकणा के खेत पर पहुंचे। यहां उन्होंने स्वयं बैलगाड़ी चलाई। इसके बाद खेत में मक्का की कटाई कर गाय के लिए चारा तैयार किया। उन्होंने गाय को चारा खिलाकर दूध भी दुहा। राज्यपाल ने पंकजभाई के खेत का निरीक्षण करते हुए प्राकृतिक पद्धति से उगाए गए चना, मटर सहित अन्य फसलों को देखा। इन फसलों में फूल और चने के दाने अत्यंत अच्छे पाए गए तथा सभी फसलें कीट और रोग-मुक्त नजर आईं। किसान पंकज मारकणा की बेटी एनसीसी में होने की जानकारी मिलने पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि शिक्षा भी उतनी ही आवश्यक है जितनी कृषि। इस अवसर पर आसपास के कई किसान राज्यपाल से मिलने पहुंचे। उन्होंने सभी किसानों को प्राकृतिक खेती का महत्व समझाया और जीवामृत तथा घन जीवामृत बनाने की सरल और विस्तृत जानकारी दी। इसके अनेकों लाभ जानकर किसान प्रेरित हुए। राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती से भूमि इतनी उपजाऊ और सशक्त बनती है कि उसमें बीमारियां नहीं आतीं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि इस प्राकृतिक खेत को देखकर प्रेरणा लें और रासायनिक उर्वरकों का त्याग करें। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाकर भूमि को सोने जैसी उपजाऊ बनाएं। राज्यपाल की बातों से प्रभावित होकर किसानों ने प्राकृतिक कृषि की ओर बढ़ने की प्रतिबद्धता जताई। यह खेत आज किसानों के लिए प्राकृतिक कृषि की एक जीवंत पाठशाला बन गया। इसके बाद राज्यपाल ने कपास के एक खेत का दौरा किया, जहां कपास की तुड़ाई चल रही थी। उन्होंने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्वयं कपास के फाहे तोड़े और संवाद करते हुए उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया। सतीश/26 दिसंबर