* काठियावाड़ी–मारवाड़ी अश्वों की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का अनूठा प्रयास * पशुपालन मंत्री जीतू वाघाणी ने कहा – अश्व हमारी संस्कृति में शक्ति और शुभ का प्रतीक मोरबी (ईएमएस)| मोरबी ऐतिहासिक धरोहर है और उसी कड़ी में सांस्कृतिक व ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण वांकानेर में सरकार के पशुपालन विभाग तथा काठियावाड़ी हॉर्स ब्रीडर्स एसोसिएशन, गुजरात के संयुक्त तत्वावधान में वांकानेर के राजघराने के स्वर्गीय डॉ. दिग्विजयसिंह झाला की स्मृति में तीन दिवसीय काठियावाड़ी–मारवाड़ी अश्व प्रदर्शनी एवं खेल महोत्सव ‘कामा अश्व शो’ का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन पशुपालन कैबिनेट मंत्री जीतू वाघाणी ने शिक्षा राज्य मंत्री रिवाबा जाडेजा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की प्रेरक उपस्थिति में किया। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण, सहकार, पशुपालन, गौ-संवर्धन, मत्स्य उद्योग और प्रोटोकॉल मंत्री जीतू वाघाणी ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अश्वों के संरक्षण, संवर्धन और संख्या वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किए थे। उसी की कड़ी में यह अनूठा आयोजन किया गया है। राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं और आयोजनों के माध्यम से पशु संवर्धन के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी हमारी सांस्कृतिक धरोहर समान अश्वों के बारे में जाने, समझे और सीखे, इसके लिए इस प्रकार के आयोजन अत्यंत प्रेरणादायी हैं। अश्व हमारी संस्कृति में शक्ति, समृद्धि और शुभ का प्रतीक है। सरकार भविष्य में देशी अश्व नस्लों के लिए एक और ब्रीडिंग सेंटर स्थापित करेगी तथा अश्वों की संख्या बढ़ाने के लिए मिशन मोड में कार्य किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि काठियावाड़ी अश्व अपने शौर्य, साहस, स्थिर स्वभाव और सतर्कता के लिए जाने जाते हैं, इसी कारण पुलिस की सार्वजनिक सेवाओं में भी उनका उपयोग किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि बीमार घोड़ों को परेशान न किया जाए, इसके लिए प्रतियोगिता से पहले रक्त नमूने लेकर जांच की व्यवस्था की गई थी। जांच के बाद 300 से अधिक पंजीकरणों में से लगभग 250 घोड़ों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया। मंत्री वाघाणी ने स्वर्गीय डॉ. दिग्विजयसिंह झाला को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने पर्यावरण क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए थे और वर्ष 1994 में वांकानेर से अश्व शो की शुरुआत की थी। अपने शासनकाल में उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, कन्या शिक्षा सहित अनेक जनकल्याणकारी कार्य किए। प्राथमिक, माध्यमिक और प्रौढ़ शिक्षा राज्य मंत्री रिवाबा जाडेजा ने कहा कि भारत की वैदिक संस्कृति में अश्व हमारी परंपरा का अभिन्न अंग रहे हैं। रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथों में अश्वमेघ यज्ञ का उल्लेख अश्वों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। अश्व को योद्धा का सच्चा साथी कहा जाता है और महाराणा प्रताप, शिवाजी महाराज, झांसी की रानी जैसे वीरों के अश्वों की गाथाएं इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हैं। उन्होंने पशुपालन विभाग द्वारा अश्व संरक्षण और संवर्धन की गतिविधियों की सराहना की। राज्यसभा सांसद और वांकानेर स्टेट के केसरीदेवसिंह झाला ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए शूरवीरों के बलिदान की कथाएं अश्वों के बिना अधूरी हैं। गिर के शेर, गिर गाय और काठियावाड़ी अश्व ने सौराष्ट्र को देश और विश्व में विशिष्ट पहचान दिलाई है। 17वां कामा अश्व शो मोरबी और वांकानेर के लिए गर्व का विषय है। इस अवसर पर राजकोट पुलिस माउंटेड यूनिट के अश्वसवार जवानों ने रोमांचक करतब प्रस्तुत किए। साथ ही सर्वश्रेष्ठ अश्व शृंगार प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। गणमान्य अतिथियों के हाथों अश्वों से संबंधित जानकारी देने वाली पुस्तक का विमोचन किया गया। मंत्री और अन्य अतिथियों ने अश्वपालकों से मुलाकात कर उन्हें ऐसे आयोजनों में सक्रिय भागीदारी के लिए शुभकामनाएं दीं और उनसे औपचारिक चर्चा भी की। सतीश/26 दिसंबर