क्षेत्रीय
26-Dec-2025


मोहखेड़ तहसील न्यायालय पहुंचे कलेक्टर छिंदवाड़ा जबलपुर (ईएमएस)। कलेक्टर हरेंद्र नारायन ने पिछले दिनों राजस्व विभाग की समीक्षा लेकर राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निपटारा करने के निर्देश सभी राजस्व अधिकारियों को दिए थे। शासन की योजनाओं का जमीनी स्तर में कितना पालन हो रहा है इसका अवलोकन करने कलेक्टर हरेंद्र नारायन द्वारा लगातार विभिन्न तहसीलों में आकस्मिक निरीक्षण किया जा रहा है। इसी क्रम में कलेक्टर हरेंद्र नारायन ने शुक्रवार को फील्ड भ्रमण के दौरान तहसील न्यायालय मोहखेड़ का आकस्मिक निरीक्षण किया। सीईओ जिला पंचायत अग्रिम कुमार भी उनके साथ थे। कलेक्टर ने न्यायालय में लंबित प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा की और सभी लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान बंटवारे के 5 प्रकरण 6 माह से अधिक के लंबित पाए जाने पर कलेक्टर हरेंद्र नारायन ने तहसीलदार को निर्देश दिए कि इन सभी लंबित प्रकरणों का भी प्राथमिकता के आधार पर निराकरण सुनिश्चित करें। 6 माह से ऊपर की अवधि का 01 भी प्रकरण लंबित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालयों में आम नागरिकों से जुड़े मामलों का समय-सीमा में निराकरण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। निरीक्षण के दौरान रिकॉर्ड संधारण, प्रकरणों की प्रगति एवं न्यायालयीन कार्यप्रणाली की भी समीक्षा की गई। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि राजस्व के सभी प्रकरणों का समय - सीमा के अंदर ही शत - प्रतिशत निराकरण किया जाए । भविष्य में लंबित प्रकरणों की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। इस दौरान तहसीलदार मोहखेड़ मीना दशरिया और तहसील न्यायालय का स्टाफ मौजूद था। देवगढ़ स्थित बावडिय़ों एवं निस्तारी तालाब का निरीक्षण कलेक्टर हरेंद्र नारायन ने देवगढ़ क्षेत्र के भ्रमण के दौरान ऐतिहासिक बावडिय़ों एवं निस्तारी तालाब का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने जलस्रोतों की वर्तमान स्थिति, जलभराव क्षमता, साफ-सफाई, संरचनात्मक मजबूती तथा आसपास के क्षेत्र की स्वच्छता का अवलोकन किया। कलेक्टर हरेंद्र नारायन ने कहा कि बावडि़य़ाँ एवं निस्तारी तालाब न केवल जल संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान भी हैं, जिनका संरक्षण आवश्यक है। कलेक्टर ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि तालाब एवं बावडिय़ों की नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए, जल आवक मार्गों को अतिक्रमण एवं गंदगी से मुक्त रखा जाए तथा वर्षा जल संचयन की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने जलस्रोतों में गाद की स्थिति का आंकलन कर आवश्यकतानुसार डी-सिल्टिंग कार्य कराने के निर्देश भी दिए, जिससे आगामी वर्षा ऋतु में अधिकतम जल संचयन हो सके। ईएमएस / 26/12/2025