:: पूर्व केंद्रीय मंत्री ने नेहरू के जन्मदिन पर जताई आपत्ति, कैलाश विजयवर्गीय ने हैरी पॉटर संस्कृति पर साधा निशाना :: इंदौर (ईएमएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता मीनाक्षी लेखी ने 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की परंपरा पर तीखी आपत्ति जताई है। इंदौर भाजपा कार्यालय में वीर बाल दिवस कार्यक्रम के दौरान लेखी ने कहा कि देश के लोग इतने वर्षों से केवल एक ही परिवार के व्यक्ति को बढ़ाते रहे, जबकि इसके स्थान पर देश की वास्तविक विरासत और मूल्यों को बढ़ाया जाना चाहिए था। लेखी ने कहा कि 7 और 9 साल की कोमल आयु में साहिबजादे फतेह सिंह और जोरावर सिंह ने जो वीरता और मातृभूमि के प्रति दृढ़ निश्चय दिखाया, वही देश की असली विरासत है। उन्होंने सवाल उठाया कि महज नेहरू जी बच्चों से प्रेम करते थे के आधार पर 14 नवंबर को बाल दिवस घोषित किया गया, जबकि कई महापुरुषों ने लिखित उल्लेख किया है कि नेहरू बच्चों को दूर रखने के निर्देश देते थे। उन्होंने जोर दिया कि भारत की नींव साहिबजादों जैसे महान बलिदानों पर आधारित है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी आधुनिक शिक्षा और संस्कारों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बच्चों में अपनी संस्कृति के संस्कार डालना अनिवार्य है। विजयवर्गीय ने तंज कसते हुए कहा कि हैरी पॉटर और मार्बल जैसे गेम या कहानियाँ शिक्षाप्रद नहीं हैं। यदि बच्चों को ऐसी ही शिक्षा दी गई, तो भविष्य में माता-पिता वृद्धाश्रम में होंगे और बच्चे अपनी मौज-मस्ती में व्यस्त रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यक्रम में सुखमनी साहिब का पाठ और लंगर का आयोजन किया गया। पटियाला से आए कीर्तन दल ने गुरुवाणी के गायन से माहौल को आध्यात्मिक बना दिया। कार्यक्रम में मीनाक्षी लेखी और कैलाश विजयवर्गीय ने गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान इंदौर के अनेक गणमान्य नागरिक और भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिन्होंने साहिबजादों के बलिदान को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया। प्रकाश / 26 दिसम्बर 2025