क्षेत्रीय
27-Dec-2025
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बालाघाट (ईएमएस).नूतन कला निकेतन के मंच पर महाराष्ट्र मंडल रायपुर के कलाकारों ने शशि वरवंडकर के निर्देशन में हिन्दी नाटक मैं अनिकेत हूं का सफल व भावनात्मक मंचन किया। भावनात्मक एवं हृदय स्पर्शी नाटक में कुछ दृश्यों में मार्मिकता तो वहीं कुछ दृश्यों में व्यंग्यात्मक डॉयलाग सुनकर सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। यह नाटक एक ऐसी दिलचस्प घटना पर केंद्रित था, जो विज्ञान के चमत्कार और नए अविष्कार (किसी दैविक चमत्कार से कम नहीं) पर आधारित था। यह नाटक जो मानव की आपबीती घटनाओं का आम आदमी के सामने जब लाता है तब रंग मंच उसे इस ढंग से प्रस्तुत करता है कि पहले तो हम कुछ समझ ही नहीं पाते केवल एक मनोरंजन या घटना मान्य लेते है। इस नाटक में एक पति यह कहता है कि आप मेरी बीबी है तो वहीं वो महिला कहती है मैं आपकी बीबी नही हूं। एक दुसरी महिला कहती है मैं आपकी बीबी हूंं तो वो कहता हैं मैं आपका पति नही हूं, इसमें भी अधिक अचरज की बात तो ये है कि नौकर कहता है अनिकेत मेरे मालिक है, लेकिन आप मेरे मालिक नहीं है और आप अपने आप को मैं अनिकेत हूं , मैं अनिकेत हूं की रट लगाए बैठे है। जज परेशान , सरकारी वकील के तर्क पे तर्क , ग्वाहो के बयान जो उलझे हुए और आरोपी कटघरे में अपनी बेबसी बताते हुए अपने अनिकेत होने का प्रमाण पे प्रमाण दे रहे है। विज्ञान ने देखो क्या चमतकार किया एक ऐसी घटना घटी, जिसमें दो राहगीर काल के गाल में समा गए , क्षत विक्षित शरीर जब शरीर के मैकेनिक के पास अर्थात डॉक्टर के पास पहुंचता है तो वो देखता है कि किसके कलपुर्जे कैसे हैं। जब देखा तो किसी का शरीर ठीक है केवल ब्रेन डेड हो गया है और जिसके अंग भंग हो गये है उनका मस्तिषक ठीक है तो मैकेनिक ने वो मस्तिष्क रूपी मशीन निकालकर इसका अलटर कर दिया। जो ब्रेन में था वो अनिकेत था इसलिए वो शरीर अपने आपको मैं अनिकेत हूं मैं अनिकेत हूंू चिल्लाता रहा था पर कोर्ट उसे समझ नहीं पा रहा था। ऐसे मर्मस्पर्शी नाटक देखने बेहद कम मिलते है। निर्देशक ने खुब मेहनत कर सभी कलाकारों ने अच्छा अभिनय कर नाटक का सफल मंचन किया। भानेश साकुरे / 27 दिसंबर 2025