लेख
28-Dec-2025
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नाम की पुस्तक संजय गोस्वामी की मूल कृति है , इस पुस्तक में बड़ी सरल-सुबोध भाषा में रोबोट इंजीनियरिंग में ज्ञान के लिए प्रयत्न किया गया है। मनुष्य के भीतर स्थित परम संवेदनशील यन्त्र के स्वास्थ्य की रक्षा एवं पोषण प्रक्रिया द्वारा हो सकते हैं। रोबोट भविष्य में कैसे मानव जैसा कर पाएगा यह अभी भी एक चुनौती है। इस पुस्तक में रोबोट के बारे में ऐसी सामग्री दी गई है, जो पाठकों को, विशेषकर नई विज्ञान पाठकों को अच्छी शिक्षा देती है। पुस्तक के पीछे यही भावना है कि पाठक रोबोटिक्स को अच्छी तरह पहचानें और एक महान देश के नागरिक के नाते आधुनिक जीवन में रोबोटिक्स का चिकित्सा, परमाणु और कृषि और रक्षा में उपयोग करें। पुस्तक की भाषा इतनी आसान है कि कम पढ़े-लिखे पाठक भी इन्हें अच्छी तरह पढ़ और समझ सकते हैं। पुस्तक में चित्र भी दिये गए हैं। विज्ञान छात्रों और इंजीनियरों के लिए के लिए सर्वश्रेष्ठ रोबोटिक्स के बारे में सर्वश्रेष्ठ ज्ञान इस पुस्तक में दिया गया है। रोबोटिक्स किट का उपयोग करना, रोबोटिक्स के बारे में विशेषता मुख्य रूप से विश्लेषणात्मक और तार्किक सोच कौशल विकसित करना, व्यक्तिगत विज्ञान का ज्ञान प्रदान करना, पुस्तक का उद्देश्य है। लेखक ने अपने ब्रदर इन ला स्वर्गीय अनिल कुमार गोस्वामी की स्मृति में पुस्तक लिखा है जिनकी कोरोना से आकस्मिक निधन 22 अप्रैल को हो गया था। आशा करते हैं कि पाठक पुस्तक को बड़े चाव से पढ़ेंगे, दूसरों की पढ़वाये और इनका भरपूर लाभ लेंगे। पुस्तक का मूल्य : 50 रुपये मात्र है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जो कंप्यूटर के इंसानों की तरह व्यवहार करने की धारणा पर आधारित है। इसके जनक जॉन मैकार्थी हैं। यह मशीनों की सोचने, समझने, सीखने, समस्या हल करने और निर्णय लेने जैसी संज्ञानात्मक कार्यों को करने की क्षमता को सूचित करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर शोध की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है कृत्रिम तरीके से विकसित बौद्धिक क्षमता। इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर संचालित करने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क कार्य करता है। ए आई पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक , सीमित स्मृति , मस्तिष्क सिद्धांत एवं आत्म-चेतन जैसी अवधारणाओं पर कार्य करता है.पुस्तक में इन्ही सब विषयो पर जानकारी दि गई है पुस्तक का मूल्य लागत मूल्य से भी कम मात्र 70 रूपये है। (यह लेखक के व्य‎‎‎क्तिगत ‎विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अ‎निवार्य नहीं है) .../ 28 ‎दिसम्बर /2025