- सच्ची दोस्ती वही है जो मौत के रास्ते से लौटाए | - ड्रग्स लेने वाले युवाओं को अपराधी नहीं, पीड़ित माना जाएगा; जेल नहीं, पुनर्वास मिलेगा – सरकार की बड़ी घोषणा सूरत (ईएमएस)| राज्य में पिछले कुछ समय से नशे के कारोबार के खिलाफ राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। इस अभियान को अब एक सामाजिक आंदोलन का रूप देने के उद्देश्य से राज्य के उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी ने युवाओं से एक अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण अपील की है। सूरत की धरती से उन्होंने “सच्ची दोस्ती” की जो परिभाषा दी, वह सोशल मीडिया और युवाओं के बीच व्यापक चर्चा का विषय बन गई है। आमतौर पर युवाओं में यह धारणा होती है कि यदि कोई दोस्त ड्रग्स ले रहा हो और उसकी जानकारी पुलिस को दी जाए, तो यह ‘दोस्ती से गद्दारी’ है। इसी सोच पर प्रहार करते हुए हर्ष संघवी ने कहा कि “अगर आपका करीबी दोस्त भी ड्रग्स की लत में फंसा है, तो उसकी जानकारी पुलिस को देना धोखा नहीं, बल्कि उसे मौत के मुंह से बाहर निकालने का एकमात्र रास्ता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि सच्चा मित्र वह नहीं होता जो अपने दोस्त को बर्बाद होते हुए चुपचाप देखता रहे, बल्कि वह होता है जो उसे गलत रास्ते पर जाने से रोके। युवाओं के मन में पुलिस को लेकर यह डर रहता है कि सूचना देने से उनके दोस्त का भविष्य खराब हो जाएगा या वह जेल चला जाएगा। इस डर को दूर करते हुए गृह मंत्री ने एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ड्रग्स का सेवन करने वाले युवाओं को अपराधी नहीं, बल्कि ‘पीड़ित’ माना जाएगा। ऐसे युवाओं को जेल भेजने के बजाय पुनर्वास केंद्रों में भेजकर इलाज और काउंसलिंग दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस का उद्देश्य ड्रग्स लेने वाले युवाओं को सजा देना नहीं, बल्कि उनके जरिए ड्रग्स बेचने वाले बड़े तस्करों और सरगनाओं तक पहुंचना है। केवल सूरत ही नहीं, बल्कि अहमदाबाद में पाटीदार समाज के एक कार्यक्रम में भी हर्ष संघवी ने कानून-व्यवस्था को लेकर कड़ा रुख दिखाया। उन्होंने असामाजिक तत्वों को चेतावनी देते हुए कहा कि “राज्य में गुंडों की ऐसी हालत कर दी गई है कि वे सीधा चल भी नहीं पा रहे हैं। एक-एक गुंडे का हिसाब किया जाएगा।” उन्होंने साफ किया कि राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सरकार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर पूरी मजबूती से आगे बढ़ रही है। सतीश/29 दिसंबर