- दाम कम मिलने से किसान निराश - दोपहर 12 बजे नाराज किसानों ने वाहनों को आड़ा तिरछा खड़ा कर लगाया महाजाम - आम जनता हुई परेशान रायसेन (ईएमएस)। रायसेन शहर में इन दिनों धान की अच्छी आवक हो रही है। शनिवार,रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को शहर के दशहरा मैदान में बनाई गई अस्थाई मंडी में बड़ी संख्या में एक रोज पूर्व किसान धान की उपज लेकर पहुंचे। तुलाई के लिए भोपाल रोड़ पर कृषि उपज मंडी के सामने ट्रैक्टरों की लाइन लगी रही। ज्यादा आवक होने की वजह से कृषि उपज मंडी के अंदर भी ट्रैक्टरों की भीड़ रही। हालांकि कर्मचारी मंडी गेट पर व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन उसके बाद भी आवक ज्यादा होने की वजह से मंडी परिसर छोटा पड़ रहा है। तुलाई के दौरान भोपाल रोड़ पर ट्रेक्टर लंबी कतार में खड़े नजर आए। तीन रोज धान के दाम 3300 से 3500 सही दाम मिलने से संतुष्ट रहे। लेकिन सोमवार को कम दाम मिलने से किसान निराश हुए । इसके पश्चात किसानों को धान के दाम इस साल काफी कम मिल रहे हैं। जिसकी वजह से किसान निराश नजर हो रहे हैं। सोमवार को नीलामी के दौरान धान न्यूनतम तीन हजार 2300 और अधिकतम में 2 हजार 700 रुपए प्रति क्विंटल बिकी।इससे किसानों का गुस्सा उबाल पर आ गया। धान उपज के दाम कम मिलने से गुस्साए किसान धान उपज से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियों को लेकर सागर भोपाल तिराहे पर खड़ा कर महाजाम लगा दिया। नाराज किसानों ने पुलिस जिला प्रशासन हाय _हाय मुर्दाबाद मंडी प्रबंधन मुर्दाबाद के जमकर नारेबाजी की। किसान अपनी धान की उपज के दाम 4500 रुपए क्विंटल दिए जाने की मांग पर अड़े हुए थे।इस दौरान किसानों को समझाइश देने अपर कलेक्टर मनोज उपाध्याय, एसडीएम मनीष शर्मा एसपी कमलेश कुमार खरपुसे तहसीलदार भरत सिंह मांडले, मंडी सचिव वीरेंद्र सिंह ठाकुर पहुंचे। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने किसानों को समझने की बहुत कोशिश की । लेकिन किसान नहीं माने। सोमवार को यह चक्काजाम लगभग 3:15 घंटे तक लगातार चलता रहा अधिकारियों की समझाइश के बाद किसान शांत हुए और धान की उपज से भरी ट्रैक्टर ट्रालियां वापस लेकर दशहरा मैदान नीलामी के लिए पहुंचे। लागत भी नहीं निकल रही- किसान किसान अर्जुन लोधी, शिवसेना जिलाध्यक्ष बाबूलाल प्रजापति और रमेश कुशवाहा मोहन सिंह लोधी आमखेड़ा , बारला निवासी अमन केवट, वीरेंद्र कुशवाह अंबाडी , सांचे त के मलखान प्रजापति ने बताया कि इस साल धान के रेट बहुत ही कम मिल रहे हैं, जिसकी वजह से लागत तक नहीं निकल पा रही है। किसान अपनी धान की उपज बेचने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय कर दशहरा मैदान पहुंचते हैं ।और यहां सर्दी में रात बिताने को मजबूर हैं, लेकिन यहां धान के कम रेट मिल रहे हैं। सरकारों की सोच तो अच्छी है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उनका धान उपज सही नहीं दिला रहे हैं जो किसानों के साथ नाइंसाफी है। किसान बोले- निर्धारित माप से अधिक तौली जा रही धान:कहा- हमसे पहले व्यापारियों का माल बिक रहा, नंबर लगाने पैसे लिए जा रहे.... किसानों कोधान खरीदी केंद्रों पर नहीं मिल रही सुविधाएं। ग्रामीण छाया, पानी और पार्किंग के लिए परेशान। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए जिले में 33 समर्थन मूल्य पर धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। 33 धान खरीदी केंद्रों पर खरीदी शुरू हो गई है। वहीं एक बचे खरीदी केंद्र में कुछ तकनीकी कारणों से अभी खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। इन किसानों से सरकार ने अब तक 1 लाख 20 हजार क्विंटल धान की खरीदी है। खरीदी 4 दिसंबर को शुरू हुई थी। यह 20 जनवरी तक चलेगी। निर्धारित माप से अधिक तौल की जा रही धान.... एक किसान ने नाम न पब्लिश करने की शर्त पर बताया कि धान उपज तौल के लिए हमें कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। कड़ाके की सर्दी रात खुले आसमां तले दशहरे मैदान में गुजारना पड़ रही हैं। अलाव के कोई इंतजाम नपा परिषद और कृषि उपज मंडी प्रबंधन ने इंतजाम नहीं किए हैं। लेकिन अनाज व्यापारियों कीधान उपज की तुलाई तुरंत हो रही है। ये सब प्रभारी और उनके सहयोगियों के जरिए किया जा रहा है। किसानों से प्रति बोरी 500 ग्राम से लेकर 1 से डेढ़ किलो तक ज्यादा धान ली जा रही है। गल्ला व्यापारी के यहां हम्माल तुलावटीय द्वारा 41 किलो 200 ग्राम से लेकर 500 ग्राम तक अधिक धान की तौल की जा रही है।किसानों का आरोप तय सीमा से अधिक तुलाई की जा रही। समझौता शुल्क के नाम पर लगाए जाते हैं नंबर.... किसानों ने बताया कि समझौता शुल्क के दम पर व्यापारी पहुंचते ही अपनी धान आराम से बिक्री कर लेते हैं। वैसे तो खरीदी केंद्रों में मात्र किसानों की धान खरीदने का नियम है। लेकिन ऐसा कोई भीधान खरीदी केंद्र नहीं है, जहां प्रतिदिन व्यापारियों की धान ना पहुंचती हो। यहां तक की खरीदी केंद्र प्रभारी भी जानते हैं कि यह धान व्यापारी की है।खरीदी केंद्रों में बैठकर यदि तहकीकात की जाए तो कुछ ऐसे व्यापारी हैं, जो खरीदी प्रारंभ से लेकर खरीदी के अंतिम दिन तक प्रतिदिन धान बिक्रि करते हैं। किसान बोले यूरिया खाद के लिए मोहताज.... किसान मलखान सिंह प्रजापति राजेश सिंह ठाकुर गोपाल सिंह परसराम ने बताया कि जिले में सोसाइटी में यूरिया खाद नहीं मिल रही है मजबूरी में जिला मुख्यालय की संजय नगर स्थित खाद गोदाम में आना पड़ता है ।यहां लंबी लंबी लाइनों में लगने के बाद भी उन्हें बमुश्किल दो से तीन बोरी मिल पा रही है। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बोल रहे है कि भरपूर मात्रा में किसानों को खाद दी जाएगी ।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी कुछ ऐसा ही बयान दे रहे हैं। लेकिन हकीकत में किसानों को यूरिया खाद के लाले पड़ रहे हैं ।जिससे वह काफी परेशान है। चक्काजाम के दौरान ट्राली से किसान घायल.... चक्काजाम के दौरान एक किसान ट्राली के नीचे गिर पड़ा।जिससे वह उसके पैर में चोटे आई। जिला प्रशासन ने घायल किसान को इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। विरोध प्रदर्शन के दौरान एक किसान ट्रॉली पर खड़ा होकर नारेबाजी कर रहा था। तभी नजर सूखने पर ताली के नीचे जागेरा जिससे वह घायल हो गया था। इनका कहना है किसानों को धान उपज के सही दाम नहीं मिलने पर नाराज हो गए और सागर भोपाल चौराहे पर दोपहर बारह बजे से महाजाम लगा दिया था।हमने मौके पर पहुंचकर किसानों से बातचीत करके उनकी समस्याओं को सुना.करीब 3.15 बजे जाम को समाप्त करवाया।इसके बाद करीब 3:30 बजे से दशहरे मैदान में मंडी प्रबंधन द्वारा उपज की नीलामी कराई गई।मनीष शर्मा एसडीएम रायसेन