अंतर्राष्ट्रीय
30-Dec-2025
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ढाका,(ईएमएस)। नई दिल्ली और ढाका के बीच कूटनीतिक संबंधों में जारी खींचतान के बीच एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त एम रियाज हमीदुल्लाह को सोमवार रात आपात आधार पर ढाका वापस बुला लिया गया। रिपोर्टों के अनुसार, द्विपक्षीय संबंधों की हालिया स्थिति और बढ़ते तनाव के मद्देनजर विदेश मंत्रालय ने उन्हें आपात बुलावे पर तुरंत ढाका पहुंचने के निर्देश दिए थे। सूत्रों के अनुसार, उच्चायुक्त हमीदुल्लाह सोमवार की रात को ही ढाका पहुंच गए, जहां वे शीर्ष नेतृत्व के साथ दोनों देशों के बीच उपजे कूटनीतिक संकट पर चर्चा करेंगे। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब साल 2025 के दौरान दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। कूटनीतिक खटास और बदलता रुख बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के आरोपों ने नई दिल्ली और ढाका के बीच दूरियां बढ़ा दी हैं। पिछले वर्ष अगस्त में शेख हसीना सरकार के पतन और उनके भारत आने के बाद से ही रिश्तों में कड़वाहट आनी शुरू हो गई थी। इस वर्ष बांग्लादेश के एक न्यायाधिकरण द्वारा शेख हसीना को उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद स्थिति और भी संवेदनशील हो गई। साल 2025 में कूटनीतिक शिष्टाचार की सीमाओं को भी कई बार परखा गया। ढाका ने विभिन्न मुद्दों पर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को पांच बार तलब किया, जबकि भारत ने भी बांग्लादेशी उच्चायुक्त को बुलाकर वहां की सुरक्षा स्थिति और भारतीय हितों पर चिंता जताई। अवामी लीग के स्थान पर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार आने के बाद बांग्लादेश का कूटनीतिक रुख भारत-हितैषी से बदलकर काफी हद तक अनिश्चित हो गया है। इसके अलावा, ढाका की इस्लामाबाद के साथ बढ़ती नजदीकियों ने क्षेत्रीय समीकरणों को और अधिक जटिल बना दिया है। विशेषज्ञों की राय और भविष्य की चुनौतियां राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि निर्वाचित सरकार की अनुपस्थिति के कारण साल 2025 बांग्लादेश के लिए एक खोया हुआ वर्ष साबित हुआ है। पूर्व राजदूतों और जानकारों के अनुसार, अंतरिम सरकार बिना किसी स्पष्ट विदेश नीति के आगे बढ़ रही है। पूर्व राजदूत महफूजुर रहमान ने कहा कि जहां भारत की ओर से रिश्तों को सुधारने के लिए परिपक्वता और नरमी के संकेत मिले, वहीं ढाका ने घरेलू राजनीति को साधने के चक्कर में इन अवसरों का लाभ नहीं उठाया। वर्ष के अंत में बांग्लादेश में भारत-विरोधी ताकतों के उभार और आगामी 12 फरवरी 2026 के आम चुनावों की घोषणा के बाद बढ़ती राजनीतिक हिंसा ने क्षेत्र की शांति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उच्चायुक्त हमीदुल्लाह का ढाका लौटना इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में भारत-बांग्लादेश संबंध एक नए और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर सकते हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/30दिसंबर2025