अंतर्राष्ट्रीय
30-Dec-2025


-इससे रियाद और अबू धाबी के रिश्तों में बढ़ सकता है तनाव रियाद,(ईएमएस)। इजराइल के बाद अब दो मुस्लिम देशों के लिए यमन युद्ध का मैदान बनता जा रहा है। सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन एमबीएस की सेना ने संयुक्त अरब अमीरात के समर्थन वाले अलगाववादी समूह पर बमबारी की है। सऊदी अरब ने यमन के बंदरगाह शहर मुकाला पर एक अलगाववादी संगठन के लिए यूएई से आई हथियारों की खेप को निशाना बनाकर बमबारी की। यह हमला सऊदी अरब और यूएई समर्थित ‘‘सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल’ (एसटीसी) के बीच तनाव बढ़ने का संकेत है। इससे रियाद और अबू धाबी के रिश्तों में भी तनाव बढ़ सकता है। यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक दशक से जारी युद्ध में दोनों देश अलग-अलग पक्षों का समर्थन करते हैं। सऊदी मीडिया रिपोर्ट में जारी सेना के बयान के मुताबिक यह कार्रवाई तब की गई जब फुजैरा से पोत मुकाला पहुंचे। सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए खतरा पैदा करने वाले इन हथियारों से उत्पन्न खतरे को देखते हुए ‘कोलिशन एयर फोर्सेस’ ने मंगलवार सुबह एक सीमित सैन्य अभियान चलाया और अल-मुकाला बंदरगाह पर दो पोत से उतारे गए हथियारों और लड़ाकू वाहनों को निशाना बनाया। इस मामले में यूएई ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रिपोर्ट के मुताबिक अब तक यह साफ नहीं है कि इस हमले में कितना नुकसान हुआ है और कितने जानें गई। हालांकि इस हमले में पहले से ही युद्धग्रस्त देश में नया तनाव जरूर पैदा हो गया है। सऊदी अरब के नेतृत्व वाला गठबंधन एक दशक से ज्यादा से ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों का मुकाबला कर रहा है। वहीं एसटीसी ने कहा है कि शुक्रवार को उसके लड़ाके पूर्वी हद्रामौत में घात लगाकर किए गए हमले के बाद अभियान चला रहे थे। सऊदी अरब की बमबारी और इजराइली हमलों के बीच यमन के बंटवारे का संकट बढ़ गया है। दक्षिण में एसटीसी की ताकत बढ़ी है तो हूती विद्रोही उत्तर में मजबूत हो गए। ऐसे में यमन दो भागों में टूट भी सकता है। 1990 में ही उत्तरी और दक्षिणी यमन का एकीकरण हुआ था। वहीं चार साल बाद गृहयुद्ध शुरू हो गया जिसमें उत्तरी यमन मजबूती के साथ उभरा। 2004 में यमन में हूतियों का आंदोलन शुरू हुआ। 2014 में हूतियों ने राजधानी सना पर कब्जा कर लिया। राष्ट्रपति हादी सऊदी अरब चले गए और तब सऊदी के नेतृत्व वाले गठबधन ने हूतियों पर हमले शुरू किए। दक्षिण यमन में यूएई समर्थित एसटीसी ने सरकार से टकराव शुरू कर दिया। 2022 में दोनों गुटों में अस्थायी युद्धविराम लागू हुआ था। सिराज/ईएमएस 30दिसंबर25 ----------------------------------